हरिहरकृष्णा एसोसिएट्स एलएलपी: इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में नवाचार की नई परिभाषा।
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कोल्हापुर, महाराष्ट्र स्थित हरिहरकृष्णा एसोसिएट्स एलएलपी की स्थापना 23 अप्रैल 2024 को इंजीनियर बालकृष्ण रामचंद्र लिमये (सीईओ एवं सीटीओ) और श्रीमती वैदेही रामचंद्र लिमये (निदेशक) द्वारा की गई। इस स्टार्टअप का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में क्रांति लाना है, विशेषकर महाराष्ट्र और भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में व्याप्त समस्याओं के लिए नवोन्मेषी और कस्टमाइज़्ड समाधान प्रदान करना।
इस कंपनी की नींव हमारे गुरुजी एवं चेयरमैन डॉ. रामचंद्र प्रभाकर लिमये, श्रीमती वसुधा प्रभाकर लिमये और संस्थापक के दिवंगत दादा श्री.प्रभाकर बालकृष्ण लिमये के अनुभवों, शिक्षाओं और मूल्यों से प्रेरित होकर रखी गई है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता, नैतिकता और पारिवारिक विरासत को बनाए रखते हुए राज्य और राष्ट्र के कल्याण में योगदान देना है।
कंपनी द्वारा दो अनोखे उत्पादों का डिज़ाइन किया गया है — एक बायो-मेडिकल और दूसरा ऊर्जा संरक्षण क्षेत्र में, जिनमें से एक पेटेंट प्रक्रिया में है।
संघर्ष और आत्मनिर्भरता की मिसाल
तकनीक आधारित कंपनी होने के कारण प्रारंभिक समय में एक स्थायी व्यवसाय चक्र बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण था। सीमित स्टाफ और तकनीकी दक्षता वाले सहयोगियों की कमी के चलते कंपनी के सभी कार्यों का संचालन संस्थापक और निदेशक ने स्वयं किया।
जब संस्थापक ने इस समस्या की जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया, तो उन्होंने पाया कि तकनीकी छात्रों में व्यावहारिक कौशल की भारी कमी है। इसी के समाधान के रूप में कंपनी ने इंटर्नशिप प्रोग्राम्स और स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग कोर्सेस शुरू किए, जिससे न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा, बल्कि उन्हें बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित भी किया गया। इससे देश की कार्यबल दक्षता में भी सुधार हुआ।
स्टार्टअप इंडिया से मिली नई दिशा
Startup India Initiative के अंतर्गत कंपनी का पंजीकरण कराने के बाद, हरिहरकृष्णा एसोसिएट्स को बाजार में एक नई पहचान और अवसर प्राप्त हुए। इससे कंपनी को जटिल प्रोजेक्ट्स तक पहुंच में आसानी हुई और देशभर से ग्राहक और संस्थागत भागीदार जुड़ने लगे।
नवाचार के नए आयाम: 3D रैपिड मैन्युफैक्चरिंग
तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक परिदृश्य में चुनौतियों का सामना करते हुए, कंपनी ने 3D रैपिड मैन्युफैक्चरिंग, प्रोटोटाइपिंग और उत्पाद विकास को अपनाया। इस नवाचार से कंपनी की बाजार पहुंच में बड़ा विस्तार हुआ। इसके फलस्वरूप कंपनी को कई सरकारी परियोजनाएं और बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली और आसाम जैसी जगहों की एमएनसी के साथ सहयोग के अवसर मिले।
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