IIT से निकला, TCS में किया काम, आज है 13,500 करोड़ का मालिक; कौन है ये शख्स?
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भारत देसाई ने कभी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ काम किया और बाद में अपनी खुद की IT कंपनी शुरू की. अब फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति लगभग 13,501 करोड़ रुपये (लगभग $1.6 बिलियन USD) है. आइए आपको उनके बारे में बताते हैं.
आपने IIT से निकले कई स्टूडेंट्स के बारे में सुना होगा, जिन्होंने देश और दुनिया की लीडिंग मल्टी नेशनल कंपनियों में जॉब की और आप वे करोड़ों कमा रहे हैं. ऐसा ही एक नाम है भारत देसाई. भारत देसाई ने कभी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ काम किया और बाद में अपनी खुद की IT कंपनी शुरू की. अब फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति लगभग 13,501 करोड़ रुपये (लगभग $1.6 बिलियन USD) है. IIT ने ग्रेजुएट भारत देसाई वर्तमान में फोर्ब्स अरबपतियों की लिस्ट में 2,111वें स्थान पर हैं. आइए आपको देसाई के IIT से अपनी खुद की IT फर्म बनाने तक के सफर के बारे में बताते हैं.
भारत देसाई का जन्म नवंबर 1952 में केन्या में हुआ था. उनका पालन-पोषण भारत में हुआ जहां उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की. देसाई ने स्टीफन एम रॉस स्कूल ऑफ बिजनेस से फाइनेंस में एमबीए किया.
TCS में किया काम
1976 में देसाई ने TCS के साथ काम किया और प्रोग्रामर के रूप में अमेरिका चले गए. TCS में काम करते हुए उनकी मुलाकात नीरजा सेठी से हुई, जिनसे उन्होंने शादी की. दोनों मिशिगन में एक अपार्टमेंट में रह रहे थे जब उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए लगभग 16,000 रुपये का निवेश करने का फैसला किया.
पत्नी के साथ की सिंटेल की स्थापना
देसाई ने अपनी पत्नी नीरजा सेठी के साथ मिलकर 1980 में ट्रॉय, मिशिगन में अपने अपार्टमेंट से IT कंसल्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनी सिंटेल की स्थापना की. अपने पहले वर्ष में सिंटेल ने केवल $30,000 की बिक्री की. 2018 तक कंपनी का रेवेन्यू $900 मिलियन तक पहुंच गया, जिससे फ्रांसीसी IT कंपनी Atos SE का ध्यान उस पर गया. अपनी सफलता पर विचार करते हुए देसाई ने एक बार कहा था कि “यह एक मजबूत दृष्टि रखने और इसे कदम दर कदम बनाने के धैर्य के बारे में है.”
फ्रांस की IT फर्म ने सिंटेल का अधिग्रहण किया
Atos SE ने सिंटेल का अधिग्रहण $3.4 बिलियन (लगभग 28,000 करोड़ रुपये) नकद में किया. हालांकि, बाद में एटोस ने देसाई पर मुकदमा दायर किया. कंपनी ने उन पर मर्जर से पहले देनदारियों को छिपाने का आरोप लगाया. 2023 में इस मामले को खारिज कर दिया गया था.
देसाई अब अपने परिवार के साथ फ्लोरिडा के फिशर द्वीप में रहते हैं और परोपकारी कामों का समर्थन करते हैं. वह डेट्रॉइट की “पेंट द टाउन” पहल में शामिल हैं, जो अन्य लोगों के बीच संघर्षशील पड़ोसों की सहायता करती है. उन्हें 1996 में यूएसए टुडे और नैस्डैक की ओर से “एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर” पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. फोर्ब्स ने सिंटेल को “अमेरिका की बेस्ट 200 छोटी कंपनियों” में से एक के रूप में भी मान्यता दी है.
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