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    April 20, 2025

    चमक में तारों को भी मात दे रही गैलेक्सी, जेम्स वेब टेलीस्कोप की खोज पर सिर खुजाने लगे वैज्ञानिक।

    1 min read
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    वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से प्रारंभिक ब्रह्मांड में ऐसी आकाशगंगा का पता लगाया है जो चमक में अपने तारों को भी मात दे रही है.

    वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में बेहद चमकीली आकाशगंगा खोजी है. यह चमक में अपने भीतर मौजूद तारों को भी मात देती है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से खोजी गई GS-NDG-9422 नामक गैलेक्सी ऐसे इलाके में है, बिग बैंग के लगभग एक अरब साल बाद अस्तित्व में आया था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह गैलेक्सी उन्हें यह ब्रह्मांड के पहले तारों और वेल-स्ट्रक्चर्ड आकाशगंगाओं के बीच आकाशगंगा विकास के मिसिंग लिंक को जोड़ सकती है.

    इस आकाशगंगा को यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमर एलेक्स कैमरन ने खोजा है. उन्होंने एक न्यूज़ रिलीज में कहा कि GS-NDG-9422 ‘ब्रह्मांडीय कहानी की शुरुआत को समझने में हमारी मदद करेगी.’ कैमरन के मुताबिक, जब उन्होंने पहली बार गैलेक्सी के स्पेक्ट्रम को देखकर सोचा, ‘यह तो अजीब है!’

    यह आकाशगंगा ‘अदृश्य’ है तो JWST ने कैसे देखा?
    कैमरन और उनके सहयोगियों ने जून में एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया था. इसमें उन्होंने बताया था कि नई खोजी गई आकाशगंगा अदृश्य है – सिवाय इसके अनोखे लाइट सिग्नेचर के – जिसमें ऐसे पैटर्न शामिल हैं जिन्हें पहले नहीं देखा गया. उस पेपर के अनुसार, JWST ने जो प्रकाश देखा, उसे आकाशगंगा की बेहद गर्म गैस द्वारा सबसे अच्छी तरह से समझाया जा सकता है, न कि उसके तारों द्वारा.

    ‘बेहद गर्म और बड़े तारों से भरी है आकाशगंगा’
    रिलीज के अनुसार, ‘गैसों के बादल गर्म और विशाल तारों द्वारा इस हद तक गर्म हो जाते हैं कि उनके तारे उनके ब्रह्मांडीय जन्मस्थानों को पीछे छोड़ देते हैं. इन बादलों के कंप्यूटर मॉडल JWST के ऑब्जर्वेशंस से लगभग पूरी तरह मेल खाते हैं.’ नई खोजी गई आकाशगंगा में शायद बड़ी तेजी से तारों का जन्म हो रहा है, और इसके गैस और धूल के भंडार प्रकाश के अनगिनत फोटॉनों से टकरा रहे हैं. यही वह प्रकाश है जिसे JWST देखने में कामयाब रहा है.

    GS-NDG-9422 के बारे में JWST का डेटा संकेत देता है कि इसके तारे ‘उन तारों से कहीं अधिक गर्म और बड़े होंगे जो हमने स्थानीय ब्रह्मांड में देखे हैं.’ नई स्टडी में पाया गया कि तारों का तापमान 140,000 डिग्री फारेनहाइट (80,000 डिग्री सेल्सियस) से अधिक है, जो सामान्य गर्म और विशाल तारों के लिए अपेक्षित तापमान से लगभग दोगुना है.

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