2025 में गगनयान प्रक्षेपण, 2040 तक चांद पर इंसान… 27 साल आगे का ISRO का क्या है प्लान।
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पीएम मोदी ने जहां साल 2035 तक अंतरिक्ष में भारतीय केन्द्र स्थापित करने पर जोर दिया तो वहीं दूसरी तरफ इसरो के साइंटिस्ट की तरफ से ये बताया गया कि शुक्र पर मिशन भेजने और मंगल पर लैंडर उतारने की दिशा में काम किया जाएगा , हाल में भारत ने मिशन चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रच दिया , इस मुश्किल हिस्से पर सफलतापूर्वक लैंडिग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया , भारत से पहले किसी भी देश को चांद के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग कराने में सफलता नहीं मिल पाई थी , इस लिहाज से ये देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी , 14 जून को चंद्रयान 3 मिशन भारत की तरफ से लॉन्च किया गया था और 23 अगस्त 2023 की शाम को पूरी दुनिया की सांसें टेलीविजन स्क्रीन के सामने एक तरह से थम गई थी जब चंद्रयान का लैंडिंग कराया जा रहा था , इससे पहले, साल 2019 में चंद्रयान 2 सफल नहीं हो पाया था. इसका मजाक भी बनाया गया है।
अब भारत अगले मिशन में जुट गया है. साल 2040 तक भारत ने इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य बनाया है , पीएम मोदी ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक बैठक के दौरान इसरो के प्रमुख एस , सोमनाथ और दूसरे वैज्ञानिकों को इस पर काम करने के निर्देश दिए , प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान मिशन की समीक्षा बैठक की थी।
क्या है भारत का अब अगला मिशन।
गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा को लेकर ये बैठक आयोजित की गई थी , इस दौरान पीएम मोदी ने जहां साल 2035 तक अंतरिक्ष में भारतीय केन्द्र स्थापित करने पर जोर दिया तो वहीं दूसरी तरफ इसरो के साइंटिस्ट की तरफ से ये बताया गया कि शुक्र पर मिशन भेजने और मंगल पर लैंडर उतारने की दिशा में काम किया जाएगा. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने मंगलवार को बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की तरफ से उन्हें प्रदान की गयी मानद उपाधि हाल में चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन प्रक्षेपित करने वाले टीम सदस्यों को समर्पित की।
एस. सोमनाथ ने एक वीडियो संदेश भेजा क्योंकि वह काम से जुड़ी व्यस्तताओं के कारण मानद उपाधि प्राप्त करने के लिए यूनिवर्सिटी के 58वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में खुद उपस्थित नहीं हो पाए , सोमनाथ ने दीक्षांत समारोह में दिखाए गए वीडियो संदेश में कहा- ‘‘मैं प्रत्येक वैज्ञानिक और इंजीनियर और तकनीशियनों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उन कर्मियों की ओर से बैंगलोर विश्वविद्यालय के प्रेम और स्नेह की भावना के साथ प्रदान की गयी मानद उपाधि स्वीकार करता हूं जिन्होंने हाल में चंद्रयान के साथ ही आदित्य-एल1 जैसे मिशन के जरिए भारत को गौरवान्वित किया है.’’ एस. सोमनाथ का वीडियो संदेश।
इसरो चीफ ने आगे कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी का ध्यान हमेशा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने पर केंद्रित रहता है , एस. सोमनाथ ने कहा, ‘‘मैं आगे ये भी कहना चाहता हूं कि अंतरिक्ष विभाग और इसरो का काम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के फायदे आम आदमी तक पहुंचाने पर हमेशा केंद्रित रहता है , इसके साथ ही हम देशभर के युवाओं को प्रेरित करने के लिए अन्वेषण, मानव अंतरिक्ष उड़ान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आदि पर भी काम करते हैं।
इसरो चीफ ने कहा,‘‘चंद्रयान-3 ने एक ऐसी उपलब्धि दिखायी है जो हमारे देश में विकसित प्रौद्योगिकी द्वारा संभव हुई है, मुझे लगता है कि भारत की शक्ति को दुनिया के सामने लाने के लिए यह निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है।
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