G-20: बैठकों में पारंपरिक चिकित्सा पर हो रही अहम चर्चा, अमिताभ कांत बोले- आयुष मंत्रालय का काम सराहनीय।
1 min read
|








G-20: अपने संबोधन में अमिताभ कांत ने कहा, “मैं आयुष मंत्रालय की बहुत सराहना करता हूं कि वह सभी सहभागिता और कार्य समूहों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने में सबसे आगे है। हमें समग्र स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त करने में आयुष प्रथाओं के महत्व को बढ़ाने की आवश्यकता है।
भारत इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसके लिए देश भर से इससे जुड़ी बैठकों का दौरान जारी है। देश के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत भी इन बैठकों के लिए काफी सक्रिय है। एक बैठक के दौरान उन्होने कहा कि जी-20 चर्चाओं में पारंपरिक चिकित्सा सबसे आगे है और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने में इसकी संभावित भूमिका को स्वीकार किया जा रहा है। कांत ने रविवार को यहां आयोजित जी-20 भागीदारी समूहों के साथ एक महत्वपूर्ण बातचीत में यह बात कही। आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, हितधारकों का स्पष्ट और जोरदार विचार था कि भारत सरकार के प्रयासों ने पारंपरिक चिकित्सा को स्वास्थ्य पर जी-20 की चर्चाओं में सबसे आगे ला दिया है।
जी-20 शेरपा ने की आयुष मंत्रालय के कार्यों की सराहना
अपने संबोधन में अमिताभ कांत ने कहा, “मैं आयुष मंत्रालय की बहुत सराहना करता हूं कि वह सभी सहभागिता और कार्य समूहों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने में सबसे आगे है। हमें समग्र स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त करने में आयुष प्रथाओं के महत्व को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा भारत में सदियों से स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग रही है। अमिताभ कांत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत में एक समर्पित डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम) की अवधारणा लेकर आया है, जो पारंपरिक चिकित्सा की शक्ति का उपयोग करेगा।
भारत जी-20 देशों के बीच साझेदारी और समन्वय के साथ कर रहा काम
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा, “दुनिया सभी स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के संदर्भ में एकीकृत स्वास्थ्य या समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा पर चर्चा हो रही है। हम जी-20 देशों के बीच साझेदारी और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को स्वीकार करने के संदर्भ में हम सभी का स्पष्ट दृष्टिकोण है।” इस अवसर पर आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अपनी सिफारिशों और व्यावहारिक विचार-विमर्श के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए जी-20 के नेतृत्व और कार्य समूहों की व्यक्तिगत रूप से सराहना की।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments