नेतृत्व, एकाग्रता का पाठ… ‘परीक्षा पे चर्चा’ में प्रधानमंत्री का छात्रों को मार्गदर्शन।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नेतृत्व पाठ से लेकर ध्यान, ज्ञान बनाम परीक्षा से लेकर बल्लेबाज की तरह एकाग्रता हासिल करने तक विभिन्न विषयों पर छात्रों को मार्गदर्शन दिया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नेतृत्व पाठ से लेकर ध्यान, ज्ञान बनाम परीक्षा से लेकर बल्लेबाज की तरह एकाग्रता हासिल करने तक विभिन्न विषयों पर छात्रों को मार्गदर्शन दिया। ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का यह आठवां वर्ष है, जो हर साल कक्षा 12वीं की परीक्षाओं से पहले प्रसारित किया जाता है। इसका प्रसारण पूरे देश में टेलीविजन पर किया गया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर छात्रों से कहा, “अपने समय और जीवन पर नियंत्रण रखें, हर पल को जियें, सकारात्मकता को खोजें और खुद को समृद्ध बनाएं।”
इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने बंद सभागार में छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों के साथ चर्चा करने की परंपरा को त्यागकर, प्रकृति से घिरे दिल्ली के एक खूबसूरत नर्सरी क्षेत्र में एक विशाल वृक्ष की छाया में छात्रों के साथ दिल की बातें कीं। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 35 छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि ज्ञान और परीक्षा दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे परीक्षा को जीवन का सबकुछ न समझें।
मोदी ने यह भी सलाह दी कि छात्रों को केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी पसंद की चीजें करने की अनुमति दी जानी चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए तथा प्रभावी प्रबंधन के लिए अपने समय की योजना बनानी चाहिए। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों के साथ खड़े रहें और उनकी तुलना दूसरों से न करें। छात्रों ने उनसे विभिन्न प्रश्न पूछे और प्रधानमंत्री ने उनके उत्तर दिये।
दुर्भाग्यवश, एक आम धारणा है कि अगर किसी को 10वीं और 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंक नहीं मिलते तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है। हमारे समाज में कम ग्रेड के कारण घर में तनाव का माहौल रहता है। आप पर भी दबाव हो सकता है, लेकिन इसकी चिंता न करें, तैयारी करें और खुद को चुनौती देते रहें।
-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री से परीक्षा संबंधी सबक!
1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर देश भर के छात्रों को मार्गदर्शन दिया।
2. इस वर्ष आठवें कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘परीक्षा पे चर्चा’ था, जो पहली बार प्रकृति की उपस्थिति में बंद सभागार में आयोजित किया गया।
3. प्रधानमंत्री ने नेतृत्व, ध्यान से लेकर क्रिकेट तक के कई उदाहरण देते हुए छात्रों को एकाग्रता का महत्व समझाया।
4. उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों को मैदान पर शोर के दौरान एकाग्रता सीखनी चाहिए।
5. इस कार्यक्रम का देश भर के कई शहरों में सीधा प्रसारण किया गया और इसे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने देखा।
6. प्रधानमंत्री ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे विद्यार्थियों को पढ़ाई तक ही सीमित रखने के बजाय उन्हें उनकी पसंद की चीजें करने दें।
बल्लेबाज से एकाग्रता सीखो!
1. प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि उन्हें एकाग्रता सीखनी चाहिए, कि जब मैदान पर भीड़ का शोर हो तो बल्लेबाज तनाव को कैसे संभालता है।
2. वह चौके-छक्के की मांग कर रही भीड़ को नजरअंदाज कर देते हैं और अगली गेंद पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और परीक्षा का तनाव नहीं लेना चाहिए।
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