संभल की तर्ज पर अलीगढ़ में भी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया, होली के लिए पुलिस का बड़ा फैसला।
1 min read
|








इससे पहले, संभल में आपसी सहमति से होली जुलूस के मार्ग में पड़ने वाली सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया गया था।
होली का उत्साह इस समय पूरे देश में देखा जा रहा है। आज 13 मार्च को होलिका दहन के बाद कल 14 मार्च को होली (रंगपंचमी) मनाई जाएगी। इस बीच, रमजान के दूसरे जुमे की नमाज भी कल अदा की जाएगी। इसलिए पुलिस प्रशासन ने दोनों त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। होली की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है। ताकि मस्जिदों पर दाग न लगे। इसके लिए तिरपाल से ढकी गई मस्जिदों की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं। इस बीच, संभल, शाहजहांपुर और अलीगढ़ जैसे संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
इससे पहले, संभल में आपसी सहमति से होली जुलूस के मार्ग में पड़ने वाली सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया गया था। अब अलीगढ़ में भी मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का फैसला लिया गया है और अलीगढ़ पुलिस ने मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का काम शुरू कर दिया है।
अधिकारी ने क्या कहा?
इसके साथ ही अलीगढ़ में मस्जिदों के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। अलीगढ़ में 9 स्थानों पर पुलिस तैनात रहेगी। अलीगढ़ शहर के सहायक जिला कलेक्टर अमित कुमार भट्ट ने कहा, “मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का काम आम आदमी की मदद से किया जा रहा है। इसमें सभी लोग सहयोग कर रहे हैं। “यह निर्णय होली के कारण लिया गया है।”
शाहजहांपुर में 67 मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया
शाहजहांपुर में होली (रंगपंचमी) के दिन लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है और इसके चलते शहर की करीब 67 मस्जिदों और दरगाहों को तिरपाल से ढक दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर से निकलने वाले पारंपरिक लाट साहब जुलूस के 10 किलोमीटर के मार्ग पर स्थित सभी मस्जिदों और दरगाहों को दाग लगने से बचाने के लिए काली पन्नी और तिरपाल से ढक दिया गया है।
लाट साहब का जुलूस क्या है?
देश को आजादी मिलने के बाद शाहजहांपुर में लाट साहब के जुलूस की परंपरा शुरू हुई। इसमें अंग्रेजों के प्रतीक के रूप में एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी में घुमाया जाता है। इस बार गुस्सा जाहिर करने के लिए उसे झाड़ू से पीटा गया। इसके साथ ही उन जूते-चप्पलों की माला भी पहनी जाती है। जो व्यक्ति लाट साहब बनना चाहता है, वह सहमति से बारात में आता है, बदले में उसे 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments