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    April 22, 2025

    पहले लाल दिवा और अब ओबीसी सर्टिफिकेट; खतरे में पुणेकर आईएएस पूजा खेडकर की नौकरी?

    1 min read
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    ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं।

    ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं। इससे पहले वह अपनी निजी ऑडी पर लाल बत्ती लगाने और ‘महाराष्ट्र सरकार’ लिखने को लेकर मुसीबत में फंस गई थीं। पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया. इस बीच उनका ओबीसी सर्टिफिकेट विवाद भी सामने आ गया है. क्या आए दिन सामने आ रहे कई मामलों से उनकी नौकरी खतरे में है? ऐसा सवाल पूछा जा रहा है.

    दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (आईबीएसएनएए) डॉ. पूजा खेडकर के विवादित ओबीसी जाति प्रमाणपत्र मामले को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है. उन पर परिवार की वित्तीय आय अधिक होने पर ओबीसी से आवेदन भरते समय सही आय की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही कैट की शिकायत के बाद भी पूजा खेडकर ने 6 बार मेडिकल टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था. इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी जाएगी।

    क्युँकि पूजा खेडकर एक ट्रेनी अधिकारी हैं, इसलिए वह अपनी परिवीक्षा पूरी होने तक राज्य सरकार की पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ऐसे मामलों पर संज्ञान ले सकती है और जानकारी मांग सकती है.

    पक्ष रखने का अवसर दिया जायेगा
    इस मामले में पूजा खेडकर को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. यूपीएससी दिशानिर्देशों के पीडब्ल्यूबीडी-5 के तहत सभी मानदंडों को फिर से सत्यापित किया जाना है।

    चिकित्सीय परीक्षण से विमुखता
    पूजा ने दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए कैट में याचिका दायर की थी. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. इस याचिका में उन्होंने खुद के बीमार होने का जिक्र किया है. इस बीच मेडिकल जांच से परहेज करने की बात कही गयी है. उनकी याचिका को निराधार बताकर खारिज कर दिया गया।

    ‘सरकार को जांच करनी चाहिए’
    एक आम परिवार बहुत मेहनत करता है लेकिन फिर भी सरकारी भर्ती में नहीं आ पाता है। अगर दस्तावेज में फेरबदल कर कुछ लोग अधिकारी बन गये हैं और ऐसी खबरें हैं तो सरकार को इस पर गौर करना चाहिए. विधायक रोहित पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार को पूजा खेडकर मामले की जांच करनी चाहिए.

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