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    April 23, 2025

    पहले फेल, फेल, फेल… बुरे वक्‍त में घर बेचकर लगा दी फैक्‍ट्री, अब 10000000000 रुपये का माल‍िक.

    1 min read
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    व‍िराज बहल ऐसे शख्‍स हैं जो अपनी ज‍िंदगी में कई असफलता से होकर गुजरे लेक‍िन उन्‍होंने हार नहीं मानी और आज हजारों करोड़ रुपये की कंपनी स्‍थाप‍ित कर दी है.

    प‍िछले कुछ सालों देश में स्टार्टअप्स तेजी से आगे बढ़े हैं. फ्लिपकार्ट, ओला और अर्बन कंपनी जैसे स्टार्टअप ने लोगों के बीच अलग पहचान बनाई है. इन सभी की सफलता की कहानियों में एक चीज यही कॉमन रही क‍ि इनके फाउंडर ने अपनी अच्‍छी खासी नौकरियां छोड़कर र‍िस्‍क ल‍िया और आज पर‍िणाम आपके सामने है. ऐसी ही एक कहानी है विराज बहल (Viraj Bahl) की. व‍िराज ने वीबा (Veeba) ब्रांड की नींव रखी. व‍िराज के बारे में लोग भले ही कम जानते हैं लेक‍िन उनके बनाए फूड प्रोडक्ट्स का स्वाद लाखों लोगों की जुबान पर है.

    इन प्रोडक्‍ट को तैयार करती है कंपनी
    व‍िराज बहल वीबा फूड्स के फाउंडर हैं. यह कंपनी सॉस, चटनी और पीनट बटर जैसे प्रोडक्‍ट तैयार करती है. जीरो से लेकर इस ब्रांड को हजारों करोड़ तक पहुंचाने में व‍िराज को काफी संघर्ष करना पड़ा. वीबा फूड्स को शुरुआत 2013 में हुई. लेकिन वह अपनी एंटरप्र‍िन्‍योरश‍िप की शुरुआत इससे काफी पहले कर चुके थे. उनकी बचपन से ही खाने-पीने के बिजनेस में रुचि थी, क्योंकि उनके पापा राजीव बहल भी इसी क्षेत्र में थे. पहली बार व‍िराज ने आहार दिल्ली ट्रेड फेयर (Aahar Delhi Trade Fair) में ‘फन फूड्स’ स्टॉल पर काम किया.

    जब फैम‍िली ब‍िजनेस को बेचना पड़ गया
    व‍िराज साल 2002 में अपने पापा के ब‍िजनेस फन फूड्स से जुड़े. लेकिन 2008 में कुछ स्थितियां ऐसी बनीं क‍ि फन फूड्स को जर्मन कंपनी Dr. Oetker को 110 करोड़ रुपये में बेचना पड़ा. राजीव बहल ने इस फैसले को सही ठहराया. लेकिन व‍िराज इससे सहमत नहीं थे. फिर भी, उन्हें यह फैसला स्वीकार करना पड़ा.

    होटल इंडस्ट्री में हुए असफल
    फन फूड्स को बेचे जाने के बाद व‍िराज ने होटल ब‍िजनेस में किस्मत आजमाने का फैसला किया. उन्होंने एक रेस्‍टोरेंट शुरू किया, लेकिन यह भी पूरी तरह फेल हो गया. इन पांच साल के दौरान उन्हें भारी नुकसान हुआ और उनके पास कुछ नहीं बचा. इस सबके बावजूद उन्‍होंने हार नहीं मानी. उन्होंने गलतियों से सीखकर नए लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने का फैसला किया.

    पैसों की तंगी में बेच द‍िया घर
    ब‍िजनेस में कामयाब नहीं होने के बावजूद, व‍िराज बहल ने अपने सपनों पर काम नहीं करने से इनकार कर दिया. इस तंगी में भी उन्‍होंने अपना घर बेचकर नई शुरुआत करने का फैसला क‍िया. जब उन्होंने पत्‍नी र‍िध‍िमा (Ridhima) बहल से अपने इस फैसले के बारे में बात की तो उन्होंने बेह‍िचक कहा, ‘अगर बिजनेस तुम्हारा पैशन है, तो घर बेच दो!’ घर बेचने से म‍िले पैसे से व‍िराज ने एक फैक्ट्री लगाई और अपने ब्रांड वीबा की शुरुआत की. यह नाम उन्होंने मां विभा बहल (Vibha Bahl) के नाम पर रखा.

    पहले दो साल नहीं म‍िला कोई ऑर्डर
    इस सबके बीच वीबा की शुरुआत आसान नहीं थी. शुरुआती दो साल तो कंपनी को क‍िसी तरह का ऑर्डर नहीं मिला. स्थिति खराब होने पर व‍िराज को स्‍टॉफ की सैलरी देने में भी मुश्‍क‍िल होने लगी. अपने इस दौर में भी व‍िराज ने ह‍िम्‍मत बनाए रखी. मेहनत के दम पर उनकी क‍िस्‍मत बदली और Domino’s ने उन्‍हें 70 टन पिज्जा सॉस का ऑर्डर दिया. यह ऑर्डर वीबा के लिए गेम चेंजर साबित हो गया. इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. धीरे-धीरे वीबा ने अपने प्रोडक्‍ट की रेंज बढ़ाकर भारतीय बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत कर ल‍िया. आज वीबा एक करीब 1000 करोड़ रुपये का साम्राज्‍य है. यह कंपनी देशभर में सॉस, म‍ियोनीज और कंडिमेंट्स की सप्‍लाई करती है.

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