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    April 24, 2025

    सीमा पार होने पर भी सुप्रीम कोर्ट में कैसे टिकेगा मराठा आरक्षण? मुख्यमंत्री ने दिया जवाब!

    1 min read
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    कुछ ने सोचा कि मैं केवल आश्वासन ही दूँगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण देने में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है.

    मराठा आरक्षण बिल सदन में सर्वसम्मति से पास हो गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस संबंध में घोषणा की. इसके बाद राज्यभर के मराठा भाइयों में खुशी और उत्साह का माहौल है. मांग की जा रही थी कि मराठों को ओबीसी से आरक्षण दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पृष्ठभूमि से किसी का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा. प्रमुख नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, आरक्षण नहीं दिया जाएगा, अगर दे भी दिया जाए तो वह टिकेगा नहीं. इस पृष्ठभूमि में सीमा पार होने पर भी मराठा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में कैसे टिकेगा? ऐसा सवाल उठ रहा है. इसका जवाब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है.

    विधानभवन मराठा आरक्षण कानून को मंजूरी दे दी गई. विधानभवन के बाहर जश्न मनाया जा रहा है. घंटों पटाखे और ढोल बजाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में कैसे टिक पाएगा आरक्षण? ऐसा सवाल पूछा जा रहा है.

    कुछ ने सोचा कि मैं केवल आश्वासन ही दूँगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण देने में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण देते समय ओबीसी समुदाय को कोई झटका दिए बिना कानून के दायरे में आरक्षण दिया जाना चाहिए.

    एक अधिसूचना जारी की गई और 16 तारीख तक आपत्तियों की अनुमति दी गई। इसके बाद 6 लाख आपत्तियां आईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया जांच के तहत पूरी की जायेगी. ओबीसी समाज के साथ कोई अन्याय नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनके आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार ने तीन महीने में आरक्षण दे दिया. स्थायित्व के लिए इस आरक्षण का सर्वेक्षण किया गया था। ढाई करोड़ लोगों का सर्वे किया गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया कि यह मराठा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में भी बचा रहेगा.

    भुजबल आक्रामक
    ओबीसी नेता आक्रामक हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने विधेयक पेश किया. इसके बाद सदन में सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी गई। इस समय छगन भुजबल बोलने की मांग कर रहे थे. लेकिन विधेयक को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई. मुख्यमंत्री के भाषण के बाद मंत्री छगन भुजबल ने बोलने की अनुमति देने की मांग की. भुजबल ने माइक का बटन दबा दिया था. बगल में बैठे विखे पटल ने माइक बंद कर दिया. लेकिन भुजबल ने दोबारा माइक चालू कर दिया. दूसरी ओर, उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने भुजबल को ‘बात न करने’ की चेतावनी दी.

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