भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए, GRAP का स्टेज 4 लागू रहेगा… सुप्रीम कोर्ट ने कहा.
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दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण ने जहर घोल रखा है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह उसकी इजाजत के बिना GRAP की स्टेज को डाउनग्रेड न करे.
दिल्ली-एनसीआर की जहरीली होती हवा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. SC ने सोमवार को कहा कि अब अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से नीचे चला जाता है, तब भी GRAP का स्टेज 4 ही लागू रहेगा. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने दिल्ली सरकार के वकील को निर्देश दिए कि वह बिना उससे इजाजत लिए GRAP का निचला स्टेज न लागू करे. सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह सात बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 481 तक पहुंच गया, जो ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार
SC में दिल्ली सरकार की तरफ से एडवोकट ज्योति मेंदीरत्ता पेश हुईं. जस्टिस ओका ने पूछा कि जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी निगरानी कौन कर रहा है. इस पर अदालत को बताया गया कि आज GRAP का चरण 4 लागू कर दिया गया है और मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जस्टिस ओका ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं. अब आप हमारी अनुमति के बिना स्टेज 3 से नीचे नहीं जाएंगे, भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए, स्टेज 4 जारी रहेगा, यही वह आदेश है जिसे हम पारित करने का प्रस्ताव रखते हैं. हम बोर्ड के अंत में सुनेंगे.’
GRAP लागू करने में देरी क्यों?
सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस ओका ने पूछा, ‘GRAP मैकेनिज्म क्यों नहीं लागू किया गया?’ वकील ने बताया कि हम 2-3 दिनों तक AQI स्तर की निगरानी करते हैं. जस्टिस ओका ने कहा कि ‘जैसे ही यह (AQI) 300 से 400 तक पहुंचता है, GRAP लागू करना पड़ता है. ऐसे मामलों में आप GRAP को लागू करने में देरी करने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं?’
जस्टिस ओका ने कहा, जैसे ही AQI 401 को पार करता है, स्टेज 3 लागू करना पड़ता है. यह 13 तारीख को हुआ. इस पर वकील ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि यह कम हो जाएगा. जस्टिस ओका ने पूछा कि क्या आप इस तरह जोखिम उठा सकते हैं? उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘क्या कोई IMD विभाग पर भरोसा कर सकता है?’
दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा की स्थिति के बीच, भारत का सुप्रीम कोर्ट आज ‘गंभीर’ AQI में सुधार के उपायों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार है. जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
दिल्ली से नोएडा-गुरुग्राम तक जहरीली हवा का कहर
दिल्ली के इंडिया गेट से लेकर कर्तव्य पथ तक, वायु प्रदूषण का असर देखने को मिला. अव्वल तो लोग मॉर्निंग वॉक पर निकले ही नहीं. जिन्होंने हिम्मत दिखाई, वे भी बिना मास्क के सर्वाइव नहीं कर पाए. वायु प्रदूषण के इतने खतरनाक स्तर का स्वास्थ्य पर चिंताजनक प्रभाव पड़ता है. दिल्ली के साथ-साथ आसपास के इलाकों की हवा भी जहरीली है.
नोएडा की हवा 384 एक्यूआई के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी, फरीदाबाद में 320 एक्यूआई को ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. गाजियाबाद और गुरुग्राम को क्रमशः 400 और 446 के एक्यूआई के साथ ‘गंभीर’ स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है वायु प्रदूषण का AQI मीटर?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच को ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर को ‘गंभीर से अधिक’ माना जाता है.
दिल्ली धुंध में डूबी हुई है. सोशल मीडिया पर लोग शहर को ‘गैस चैंबर’ बता रहे है. नागरिकों को जहरीली हवा में सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. ठंडी हवा के आने से स्वास्थ्य संकट बढ़ गया है.
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