JEE एडवांस टॉप करने के बाद भी नहीं लिया IIT में एडमिशन, ये थी वजह.
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2019 में, फलोर ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर 13वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीता और अमेरिकी गणित प्रतियोगिता में टॉप स्थान हासिल किया.
आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक के रूप में जाना जाता है, जो हर साल लाखों कैंडिडेट्स द्वारा दी जाती है, जिनका लक्ष्य इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में एडमिशन सिक्योर करना है. हालांकि, पुणे के चिराग फलोर, जिन्होंने 2020 में जेईई एडवांस्ड परीक्षा में टॉप किया था, ने आईआईटी में एडमिशन नहीं लेने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पहले ही अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एडमिशन मिल गया था.
चिराग फलोर की पढ़ाई में बहुत उपलब्धियां हैं. उन्होंने जेईई एडवांस में पहली रैंक हासिल की और जेईई मेन्स में भी पूरे 100 परसेंटाइल स्कोर किया. मार्च 2020 में उन्हें अमेरिका के मशहूर Massachusetts Institute of Technology (MIT) में दाखिला मिल गया था, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से वो वहां जा नहीं सके. इस वजह से उन्होंने भारत से ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी.
फालोर ने पीटीआई को बताया था कि, “मैंने एमआईटी में एडमिशन ले लिया है और वहीं से पढ़ाई करूंगा. क्लास पहले ही शुरू हो चुकी हैं और मैं ऑनलाइन क्लास ले रहा हूं. मैंने इन परीक्षाओं के लिए चार साल तक तैयारी की थी, इसलिए मैं एग्जाम देना नहीं छोड़ना चाहता था.”
जेईई एडवांस में चिराग फलोर ने 396 में से 352 नंबर हासिल किए. फलोर ने बताया, “जेईई परीक्षा एमआईटी परीक्षा से ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी. इसने मुझे आत्मविश्वास का एक नया लेवल दिया है. मैंने रात में एमआईटी क्लासेज में ऑनलाइन हिस्सा लिया और दिन में आईआईटी परीक्षा की तैयारी की.”
2019 में, फलोर ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर 13वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीता और अमेरिकी गणित प्रतियोगिता में टॉप स्थान हासिल किया.
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