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    April 23, 2025

    2 साल में 12 बार हुए चुनाव, शर्त ऐसी; ये देश चुन ही नहीं पा रहा राष्‍ट्रपति।

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    लेबनान में दो साल से राष्‍ट्रपति का पद खाली है. वजह चौंकाने वाली है. दरअसल इस दौरान करीब 12 बार राष्‍ट्रपति चुने जाने का प्रयास किया गया लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली.

    लेबनान में दो साल से राष्‍ट्रपति का पद खाली है. वजह चौंकाने वाली है. दरअसल इस दौरान करीब 12 बार राष्‍ट्रपति चुने जाने का प्रयास किया गया लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली. गुरुवार को संसद में इस तरह का प्रयास फिर किया गया. पहले राउंड की वोटिंग में लेबनान आर्मी कमांडर जोसेफ औन को बढ़त मिली लेकिन जरूरी दो तिहाई बहुमत नहीं मिल सका. 128 सदस्‍यीय संसद में उनको 71 वोट ही मिले. स्‍पीकर ने सत्र को दो घंटे के लिए स्‍थगित करने के बाद दोबारा वोटिंग का निर्देश दिया है.

    इससे पहले अक्‍टूबर 2022 में राष्‍ट्रपति मिशेल औन का कार्यकाल समाप्‍त हो गया था. लेबनान की संवैधानिक व्‍यवस्‍था के अनुसार राष्‍ट्रपति चुने जाने की शर्त ये है कि विजेता को सांसदों का दो तिहाई मत मिलना चाहिए. इसलिए तब से अब तक 12 प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन किसी भी नेता को दो तिहाई बहुमत नहीं मिलने के कारण राष्‍ट्रपति का पद खाली है. लेबनान की कानूनी व्‍यवस्‍था में राष्‍ट्रपति हमेशा क्रिश्चियन समुदाय का ही बनेगा. इसी तरह प्रधानमंत्री सुन्‍नी मुस्लिम और स्‍पीकर शिया होगा. राष्‍ट्रपति का रोल सत्‍ता में सीमित होता है. हालांकि राष्‍ट्रपति के पास प्रधानमंत्री या उसकी कैबिनेट को हटाने की शक्ति है.

    मीडिया रिपोर्ट्स में ये उम्‍मीद जताई जा रही है कि गुरुवार को दूसरे राउंड में संभवतया जोसेफ औन को अपेक्षित बहुमत मिल जाएगा. कहा जा रहा है कि अमेरिका और सऊदी अरब भी जोसेफ औन को चुने जाने के पक्ष में हैं. वो इसलिए क्‍योंकि इजरायल-हिजबुल्‍लाह संघर्ष के कारण पिछले 14 महीने से लेबनान कराह रहा है और देश को पुनर्निमाण की जरूरत है. हालांकि हिजबुल्‍लाह ने पहले एक अन्‍य नेता सुलेमान फैंग्रीह को समर्थन दिया था और वो सीरियाई के तानाशाह रहे बशर अल-असद के भी करीबी थे. लेकिन हिजबुल्‍लाह अब राजनीतिक और सैन्‍य लिहाज से कमजोर हो गया है और बशर को सीरिया छोड़कर भागना पड़ा है. इसके साथ ही लेबनान के सशस्‍त्र बलों ने भी औन का समर्थन किया है.

    इन सब वजहों से सुलेमान ने कल अंतिम समय में अपने को चुनावी रेस से अलग करते हुए जोसेफ औन को समर्थन देने का ऐलान किया है. इसलिए कहा जा रहा है कि जोसेफ औन को दूसरे राउंड में दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है.

    लेबनान में राष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए पहले भी गतिरोध होता रहा है. इससे पहले मई 2014-16 के बीच करीब ढाई साल तक इसी कानूनी प्रावधान के कारण इस पद पर कोई काबिज नहीं हो सका.

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