दिल्ली से 1,987 किमी दूर समंदर के अंदर कांपी धरती, भूकंप से हिले कोलकाता-ओडिशा; जान बचाने दौड़े लोग.
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मंगलवार की सुबह पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई जिले भूकंप के झटकों से कांप गए. बताया जा रहा है कि भूकंप की तीव्रता 5.1 थी. अचानक झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर आ गए. हालांकि किसी भी जानी नुकसान की खबर अभी तक नहीं मिली है.
मंगलवार की सुबह पश्चिम बंगाल और ओडिशा भूकंप के तेज झटकों से कांप गए. सुबह तकरीबन 6.10 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई. हालांकि किसी नुकसान या हताहत की तत्काल कोई खबर नहीं है. बताया जा रहा है कि भूकंप की गहराई बगाल की खाड़ी में तकरीबन 91 किलोमीटर अंदर थी.
हिमाचल में भी आया भूकंप
इससे पहले हिमाचल प्रदेश भी भूकंप के झटकों से कांपा था. हिमाचल के मंडी जिले के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 3.7 थी. विभाग ने बताया कि भूकंप सुंदरनगर इलाके में किरगी के पास 7 किलोमीटर की गहराई पर आया. मंडी जिला भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है, जो ज्यादा जोखिम वाला इलाका है.
दिल्ली-एनसीआर में भी आया भूकंप
इससे भी पहले राजधानी दिल्ली और एनसीआर भी भूकंप के तेज झटकों से हिल गया था. 17 फरवरी की सुबह 5:36 बजे दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. भूकंप के झटके दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलवर, मथुरा, और आगरा में भी महसूस किए गए.
खतरनाक जोन में है दिल्ली
सुबह-सुबह अचानक घर धरती के कांप जाने से लोग सहम गए और घबराकर घरों से बाहर निकल आए, हालांकि गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. दिल्ली सिस्मिक जोन IV में मौजूद है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक हिमालय क्षेत्र में प्लेटों की गतिविधियों की वजह से भविष्य में भी इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना बनी रहती है.
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