दूरदर्शन ने AMU के संस्थापक सर सैयद की बायोपिक चलाने से किया इनकार, बताई बड़ी वजह.
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फाउंडर सर सैयद अहम खां की जीवन पर बनी बोयपिक ‘सर सैयद अहमद खान: द मसीहा’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि दूरदर्शन ने इस बायोपिक को चलाने से इनकार कर दिया है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के संस्थापक सर सैयद अहमद खान (1817-1898) पर पहली बायोपिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ओटीटी प्लेटफॉर्म के ज़रिए रिलीज की गई है, लेकिन राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने इसे प्रसार भारती (पीबी) ओटीटी पर प्रसारित/स्ट्रीम करने से इनकार कर दिया है. फिल्म ‘सर सैयद अहमद खान: द मसीहा’ के नाम से बनी इस बायोपिक का अनावरण अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की कुलपति नईमा खातून ने हाल ही में परिसर में काफी धूमधाम से किया.
दूरदर्शन ने क्या कहा?
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में मौजूद प्रोडक्शन हाउस डार्क हॉर्स प्रोडक्शंस को लिखे अपने पत्र में प्रसार भारती के प्रोग्राम एग्जिक्यूटिव ने कहा है,’मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सर सैयद अहमद खान पर आधारित कार्यक्रम की पेशकश करने वाला आपका प्रस्ताव पीबी यानी प्रसार भारती ओटीटी आगामी प्लेटफॉर्म पर रेवेन्यू शेयरिंग मोड (RSM) के तहत प्रसारण/स्ट्रीम के लिए योग्य नहीं हो सका.’
फिल्म के एक्टर जाहिर की नाराजगी
निर्माता और बायोपिक के मुख्य नायक शोएब चौधरी इससे नाराज हैं. चौधरी ने कहा,’मैंने डीडी के लिए जो धारावाहिक बनाया था, वह डीडी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चला. यह चौंकाने वाला है कि एक प्रमुख सुधारवादी और शिक्षाविद् सर सैयद पर मेरी बायोपिक नेशनल पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीमिंग के लिए अयोग्य करार दी गई.
बायोपिक के लीड एक्टर ने किया बड़ा हमला
शोएब चौधरी ने आगे कहा,’ऐसा लगता है कि डीडी ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए मेरे प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.’ सर सैयद की जीवनी ‘हयात-ए-जावेद’ पर आधारित बायोपिक में सर सैयद के संघर्ष को मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (MAO) कॉलेज की स्थापना के लिए दिखाया गया है, जो 1920 में एएमयू बन गया और मुसलमानों के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के दूरदर्शी प्रयास है.
AMU को मिनी हिंदुस्तान कह चुके हैं पीएम मोदी
2020 में एएमयू के ऑनलाइन शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने एएमयू परिसर को ‘मिनी-इंडिया’ कहा था. एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, दिल्ली एनसीआर के अध्यक्ष मुदस्सिर हयात ने कहा कि सर सैयद जैसे दिग्गज की जीवन कहानी देश को, खासकर इसकी नई पीढ़ी को दिखाई जानी चाहिए. हयात ने कहा,’यह बायोपिक कई गलतफहमियों को दूर कर सकती है और नई पीढ़ियों को शिक्षा को प्रगति का साधन बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है.’
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