प्रत्यक्ष कर संग्रह 19 प्रतिशत बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये हुआ।
1 min read
                | 
                 | 
        








वित्त मंत्रालय ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर, कॉर्पोरेट कर संग्रह और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह में वृद्धि के कारण इस वर्ष कुल कर राजस्व में वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 फरवरी, 2025 तक सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इस अवधि के दौरान रिफंड से पहले कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 18.38 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर, कॉर्पोरेट कर संग्रह और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह में वृद्धि के कारण इस वर्ष कुल कर राजस्व में वृद्धि हुई है। 10 फरवरी तक उपलब्ध विवरण के अनुसार, व्यक्तिगत आयकर संग्रह 11.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जो पिछले वर्ष इसी अवधि तक 9.30 लाख करोड़ रुपये था। कम्पनियों से कर संग्रहण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 10 फरवरी तक यह 10.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 8.74 लाख करोड़ रुपये था।
प्रत्यक्ष कर का एक प्रमुख घटक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) इस अवधि के दौरान 49,201 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 29,808 करोड़ रुपये था। इस अवधि के दौरान कुल 4.10 लाख करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया गया, जो पिछले साल की तुलना में 42.63 प्रतिशत अधिक है। कर संग्रह में वृद्धि से केन्द्र सरकार को प्रमुख अवसंरचना निवेश और कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन उपलब्ध होता है। परिणामस्वरूप, यह राजस्व स्रोत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
About The Author
| 
                 Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें  | 
        
Advertising Space
        
                        










Recent Comments