देश में बन गई डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर लैब, सामने आए विमान हादसों का सच!
1 min read
|








केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बुधवार (9 अप्रैल) को यात्रियों की हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए AAIB में DFDR & CVR लैब का उद्घाटन किया.
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बुधवार (9 अप्रैल) को नई दिल्ली स्थित “उड़ान भवन” में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) में अत्याधुनिक डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (DFDR और CVR) लैब का उद्घाटन किया. इस आधुनिक ‘ब्लैक बॉक्स लैब’ की स्थापना लगभग ₹9 करोड़ के निवेश से की गई है.
लैब के उद्घाटन समारोह में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, भारतीय वायुसेना, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. इसके अलावा देश के प्रमुख विमानन कंपनियों के फ्लाइट सेफ्टी प्रमुख भी मौजूद रहे.
विमानन सुरक्षा को मिलेगी नई मजबूती
इस दौरान केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, “इस अत्याधुनिक लैब से भारत में विमानन सुरक्षा को नया बल मिलेगा.” उन्होंने कहा, “दुर्घटनाओं की मूल वजहों को पहचानने और जवाबदेही तय करने के लिए स्वतंत्र और प्रभावी जांच बेहद जरूरी है. इसी के जरिए भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.”
केंद्रीय मंत्री ने AAIB को उच्च तकनीकी लैब स्थापित करने में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग की भी सराहना की. उन्होंने गर्व के साथ कहा. ”HAL अब घरेलू स्तर पर फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) बनाने और मरम्मत करने में सक्षम है, जिससे भारत आज विश्व के अग्रणी एवियोनिक्स सिस्टम वाले देशों में शामिल हो गया है.”
2047 तक 400 हवाई अड्डों का लक्ष्य
नायडू ने यह भी कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक देश में 350–400 हवाई अड्डे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही सुरक्षित हवाई यात्रा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सुरक्षा ढांचे की भी आवश्यकता है, जिसमें यह नई लैब एक बड़ा कदम है.
दुर्घटना जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं
नई लैब में अब क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स की मरम्मत, डाटा पुनः प्राप्ति और गहन विश्लेषण किया जा सकेगा. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, रडार और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर से प्राप्त डाटा का समन्वय कर जांच के नतीजों को ज्यादा से ज्यादा सटीक बनाया जाएगा. यह लैब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाई गई है और विकसित देशों की लैब्स के समकक्ष मानी जाएगी.
AAIB के महानिदेशक ने दी जानकारी
AAIB के महानिदेशक जी. वी. जी. युगंधर ने कहा, “यह लैब न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देशों की विमानन जांच में भी सहयोग प्रदान करेगी. इसके साथ भविष्य में विमान और हेलीकॉप्टर निर्माण की दिशा में भी यह सुविधा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक डिजाइन परिवर्तन और संचालन प्रक्रियाओं के सुधार में अहम भूमिका निभाएगी.
भारत को वैश्विक विमानन नेतृत्व की ओर बढ़ाने का संकल्प
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत में हवाई यात्रा को न केवल सुविधाजनक बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी बनाया जाएगा. यह पहल भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक मजबूत और सुरक्षित देश के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments