DGCA: पर्वतीय क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर पायलटों के लिए नई गाइडलाइन्स, हादस के बाद लिया फैसला |
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2022 में केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छह तीर्थयात्रियों और एक पायलट की मौत हो गई थी। कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के एक वरिष्ठ अधिकारी भी हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गए थे।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने हिमालय के दायरे में हेलीकॉप्टर पायलटों के लिए गाइड नीलाइंस जारी किए हैं। इन गाइडलाइंस के तहत पायलटों को एक अतिरिक्त हिल चेक की ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर सख्ती से इन गाइडलाइंस को लागू किया जाएगा। बता दें कि भौगोलिक क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसों की कई खबरें आपके सामने हैं। ऐसे में चारधाम यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
हेलीकॉप्टर हादसों के बाद लिया फैसला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा उपायों के तहत हिमालय क्षेत्र में रहने वाले पायलटों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए डीजीसीए ने नए नियम जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि 2022 में केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छह तीर्थयात्रियों और एक पायलट की मौत हो गई थी। कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के एक वरिष्ठ अधिकारी भी हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गए थे। हेलीकॉप्टर के टेल रोटर में फंसकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी।
चारधाम यात्रा के लिए हर साल लाखों तीर्थयात्री आते हैं
चारधाम यात्रा पर हर साल लाखों तीर्थयात्री केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थ के दर्शन होते हैं। ये चारो तीर्थस्थल काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में रिश्तेदार चारधाम की यात्रा करते हैं। काफी ऊंचाई पर होने के कारण यहां तेजी से मौसम में बदलाव हो रहा है। यही कारण है कि कई हादसों के बाद डीजीसीए ने प्रशिक्षण में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय जोड़ने का निर्णय लिया है। इस साल 25 अप्रैल से चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है।
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