अगले साल 35% तक बढ़ सकती है इस फील्ड में स्पेशलिस्ट की डिमांड, कैंपस हायरिंग पर फोकस।
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साल 2025 में तक इन कोर्सेज में पढ़ाई करने वालों के लिए ज्यादा मौके मिल सकते हैं.
भारतीय आईटी इंडस्ट्री में ‘स्पेशलाइज्ड टेक रोल’ की मांग 2025 में 30 से 35 प्रतिशत बढ़ सकती है. इसके साथ ही आने वाले सालों में कर्मचारियों के स्किल को बढ़ाने के लिए कंपनियां ज्यादा खर्च करेंगी. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट में बताया गया कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की दूसरी छमाही में बड़ी कंपनियों का फोकस कैंपस हायरिंग पर रहेगा. 2025 में आईटी फ्रेशर्स की हायरिंग 15 से 20 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा मांग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), डेटा एनालिटिक्स, पायथन, क्लाउड टेक्नोलॉजीज और साइबर सिक्योरिटी पर होगा.
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी), मैन्युफैक्चरिंग, बीएफएसआई, हेल्थकेयर और रिटेल जैसे क्षेत्रों में भी अगले साल आईटी फ्रेशर्स की संख्या में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2021-22 के आर्थिक धीमेपन के बाद ग्राहकों ने ऑन-डिमांड हायरिंग पैटर्न और ग्लोबल मैक्रोइकोनोमिक्स चुनौतियों के कारण अपने खर्च में कटौती की है. इससे प्रोजेक्ट पाइपलाइन पर असर पड़ा है. हालांकि, 2025 में इसके स्थिर होने की उम्मीद है, जिससे फ्रेशर्स के लिए उम्मीदें जगी हैं.
2024 भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए एक डायनामिक ईयर रहा है, जिसमें डोमेस्टिक और ग्लोबल बदलाव एवं टेक्नोलॉजी ट्रांजिशन और वर्कफोर्स में बदलाव का एक साथ प्रभाव देखा गया.
इस साल की दूसरी छमाही में उद्योग ने फिर से स्पीड पकड़ी और इस कारण 2025 कई मोर्चों पर एक अच्छा साल रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बताया गया, “आने वाले सालों में,भारतीय आईटी क्षेत्र में नए लोगों की भर्ती में मजबूत बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिसमें अलग अलग इंडस्ट्री में नौकरी के मौकों में 15-20 प्रतिशत की अनुमानित बढ़ोतरी होगी.” मांग में यह उछाल केवल भर्ती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कंपनियां कर्मचारियों के टेक्निकल स्किल पर भी फोकस करेंगी.
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