औद्योगिक क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हॉल की मांग खारिज कर दी गई है, वाणिज्य मंत्री के समक्ष चर्चा का स्वर नकारात्मक है।
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सूत्रों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में हुई बैठक में पांच सितारा औद्योगिक एस्टेट ‘औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड’ की 50 एकड़ जमीन पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हॉल बनाने के प्रस्ताव पर नकारात्मक रुख व्यक्त किया गया।
छत्रपति संभाजीनगर : सूत्रों ने बुधवार को बताया कि पांच सितारा औद्योगिक एस्टेट ‘औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड’ की 50 एकड़ जमीन पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस हॉल बनाने के प्रस्ताव पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में हुई बैठक में नकारात्मक स्वर व्यक्त किया गया। बैठक में यह संकेत दिया गया कि दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर प्रस्तावित सम्मेलन हॉल की आवश्यकता छत्रपति संभाजीनगर में उतनी नहीं होगी, तथापि प्रस्ताव की व्यवहार्यता पर संदेह व्यक्त किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को हॉल के अनुरूप प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में गोयल ने कहा कि हालांकि, सभी संभावनाओं की जांच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। यह भी बताया गया कि उद्यमियों ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हॉल के स्थान पर प्रदर्शनी हॉल बनाने का प्रस्ताव दिया है। यदि काउंसिल हॉल भवनों का नियमित उपयोग नहीं किया गया तो उन पर किया गया 1,200 करोड़ रुपए का व्यय व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए, यह भी कहा गया कि इसकी जगह एक प्रदर्शनी हॉल बनाने का प्रस्ताव भी गोयल के समक्ष रखा गया।
गोयल ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि वह दो औद्योगिक क्षेत्रों शेंद्रा से वालुज को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के निर्माण के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करेंगे। गोयल ने बताया कि आने वाले समय में इस औद्योगिक क्षेत्र में दो लाख रोजगार सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और हाल ही में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
कौशल विकास केंद्र ‘ऑरिक’
औद्योगिक एस्टेट में कौशल विकास केंद्र के लिए 20,000 वर्ग फुट स्थान और नए उद्यमियों के लिए ‘स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर’ के लिए 10,000 वर्ग फुट स्थान उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा गोयल ने इस क्षेत्र में ऑरिक हॉल में ऑडिटोरियम स्थान की कीमत 50 रुपये प्रति वर्ग फुट से घटाकर 25 रुपये प्रति वर्ग फुट करने के निर्णय की भी घोषणा की।
बीएसएनएल टावर भी संकट में
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल दिल्ली के मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहते थे। लेकिन उनके सामने एक समस्या थी क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त ‘नेटवर्क’ नहीं था। उन्हें बताया गया कि बीएसएनएल को टावर लगाने के लिए जमीन दे दी गई है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने अंत में खेद व्यक्त किया और कहा कि टावर के लिए नियोजित स्थल उन निजी कंपनियों को दे दिया जाना चाहिए जो आगे आएंगी।
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