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    April 23, 2025

    पिताजी का सपना पूरा करने के लिए बेटी ने की मेहनत; IAS मुद्रा की यात्रा लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा।

    1 min read
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    इतने बड़े पद पर पहुँचने के बाद भी वडिलों की इच्छा अधूरी रहती है। इसलिए प्यारी बेटी UPSC देती है और IAS बनती है। यह कहानी है मुद्रा गायरोला की।

    करियर में डॉक्टर, IPS बनने के लिए देश के लाखों युवा दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं। लेकिन कुछ के सपने इसके बाद भी अधूरे ही रहते हैं। उन्हें जीवन में और भी बड़ा कुछ करने की इच्छा होती है। इतने बड़े पद पर पहुँचने के बाद भी वडिलों की इच्छा अधूरी रहती है। इसलिए प्यारी बेटी UPSC देती है और IAS बनती है। यह कहानी है मुद्रा गायरोला की।

    UPSC में 53वीं रैंक
    मुद्रा गायरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की निवासी हैं। उन्होंने 2022 की UPSC परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल की थी। मुद्रा को बचपन से ही पढ़ने और लिखने का शौक था।

    माता-पिता का विश्वास
    उन्हें 10वीं की परीक्षा में 96% और 12वीं की परीक्षा में 97% अंक मिले थे। करियर में वे सफल होंगी, इस पर उनके माता-पिता को विश्वास था।

    BDS में स्वर्ण पदक
    शुरुआत में दंत चिकित्सक के रूप में करियर करने वाली मुद्रा ने अपने BDS की पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया और उन्हें स्वर्ण पदक मिला। करियर का पहला चरण उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया था। लेकिन उनका असली सपना अभी बहुत दूर था। वहाँ उन्हें पहुँचना था।

    पिताजी का अधूरा सपना
    मुद्रा के वडिलों का नाम अरुण गायरोला है। करियर में IAS बनने की उनकी इच्छा थी। इसके लिए उन्होंने प्रयास भी किए थे। 1973 में दी गई UPSC परीक्षा में उन्हें सफलता नहीं मिली। वह अधूरा सपना बेटी को पूरा करना था, ऐसी उनकी इच्छा थी।

    पिताजी का अधूरा सपना पूरा
    पिताजी का अधूरा सपना पूरा करने का संकल्प मुद्रा ने लिया। पहले डॉक्टर फिर IPS रही मुद्रा ने IAS बनने का मन बना लिया। दिन-रात एक करके मेहनत की।

    2021 की परीक्षा में 165वीं रैंक
    2018 में मुद्रा साक्षात्कार चरण तक पहुँची थीं लेकिन वहाँ उन्हें असफलता मिली। इसके बाद उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा। 2021 की परीक्षा में 165वीं रैंक प्राप्त कर वे IPS अधिकारी बनीं।

    लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा
    सपना पूरा करने की जिद, धैर्य और साथ में परिवार का समर्थन हो तो सपना साकार हो सकता है, यह मुद्रा की कहानी से सीखने को मिलता है। मुद्रा की कहानी UPSC देने वाले लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।

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