नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    June 7, 2025

    डॉलर के मुकाबले दुनिया भर की मुद्राओं की मजबूती; मार्च में रुपया भी 0.22 प्रतिशत मजबूत हुआ।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    हाल के वित्तीय वर्ष में विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों के कारण भारतीय रुपया दबाव में रहा। हालाँकि, वर्ष के अंत तक, मार्च में, डॉलर के मुकाबले इसमें 33 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई।

    मुंबई: हाल के वित्तीय वर्ष में विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों के कारण भारतीय रुपया दबाव में रहा। हालाँकि, वर्ष के अंत तक, मार्च में, डॉलर के मुकाबले इसमें 33 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई। अन्य एशियाई मुद्राओं में भी अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले मजबूती आई। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 के अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 0.22 प्रतिशत सुधरेगा। नतीजतन, मार्च में रुपया तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। रुपए के अलावा, ताइवानी डॉलर में 0.01 प्रतिशत, चीनी रेनमिनबी में 0.58 प्रतिशत तथा मलेशियाई रिंगित में 0.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

    बुधवार के सत्र में रुपया 2 पैसे गिरकर 85.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया 85.65 पर खुला और बाद में कारोबार के दौरान 85.50 के उच्चतम स्तर तथा 85.73 के निम्नतम स्तर को छू गया। डॉलर के मुकाबले रुपये में सुधार के मुख्य कारण निम्नलिखित रहे हैं।

    एफआईआई प्रवाह
    विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मार्च में भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे हैं। सरकारी बांड में विदेशी निवेश 21,000 करोड़ रुपये बढ़ा है। लगातार दो महीनों तक विदेशी पूंजी के बहिर्गमन के बाद मार्च में 2 बिलियन डॉलर का शुद्ध विदेशी निवेशक अंतर्वाह हुआ।

    एफआईआई प्रवाह
    विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मार्च में भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे हैं। सरकारी बांड में विदेशी निवेश 21,000 करोड़ रुपये बढ़ा है। लगातार दो महीनों तक विदेशी पूंजी के बहिर्गमन के बाद मार्च में 2 बिलियन डॉलर का शुद्ध विदेशी निवेशक अंतर्वाह हुआ।

    खनिज तेल की कीमतें पहुंच के भीतर
    अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खनिज तेल की कीमत में गिरावट के कारण तेल विपणन कंपनियों की ओर से डॉलर की मांग कम हो रही है। इससे रुपए पर दबाव कम हो रहा है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमत जनवरी के 80 डॉलर प्रति बैरल से घटकर मार्च में 74 डॉलर प्रति बैरल हो गई। तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव के कारण तेल की कीमतें अनुकूल रहने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसके 65 से 75 डॉलर प्रति पम्प के बीच रहने की उम्मीद है।

    विदेश से आयात
    भारतीय कम्पनियों की विदेशों से प्रतिस्पर्धी दरों पर उधार लेने की क्षमता भी रुपए को नियंत्रण में रखने में सहायक होती है। मार्च में तीन कंपनियों ने बाह्य वाणिज्यिक ऋण के माध्यम से धन जुटाया।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    4:48 PM