अब राहुल गांधी की नागरिकता पर विवाद? भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर!
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पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
इस साल के लोकसभा चुनाव के दौरान देखा गया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया. भारत जोड़ो यात्रा के जरिए उन्होंने लगातार अपना पक्ष रखा. चुनाव से पहले राहुल गांधी की उम्मीदवारी भी कुछ समय के लिए रद्द कर दी गई थी. बाद में फैसला उनके पक्ष में आया और उनकी सांसदी उन्हें वापस दे दी गई। अब राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं. हाल ही में संपन्न सत्र में उन्होंने सरकार पर तीखे शब्दों में हमला बोला. लेकिन अब उनकी नागरिकता पर विवाद खड़ा हो गया है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने याचिका में मांग की है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है और उनकी भारतीय नागरिकता तुरंत रद्द की जानी चाहिए. सुब्रह्मण्यम स्वामी अपनी बात के सबूत के तौर पर 2003 और 2009 के कुछ ब्रिटिश दस्तावेज़ों का हवाला देते हैं। उनकी याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.
राहुल गांधी के खिलाफ क्या है दावा?
सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता और उसके मुताबिक उनकी सांसदी रद्द करने की मांग की गई है. इस संबंध में बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा था. बैकअप लिमिटेड नाम की कंपनी ब्रिटेन में साल 2003 में रजिस्टर्ड हुई थी. इस कंपनी के डायरेक्टर लिस्ट में राहुल गांधी का नाम है. साथ ही सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया है कि कंपनी के सचिव के तौर पर राहुल गांधी का भी नाम है.
वर्ष 2004 में राहुल गांधी अमेठी लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने। अगर सुब्रमण्यम स्वामी के दावे को सच माना जाए तो राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक रहते हुए भारत में चुनाव लड़कर सांसद बने थे!
2005, 2006 और 2009…
इस बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए कुछ और संदर्भ दिए हैं. यूके में बैकअप लिमिटेड कंपनी द्वारा 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को दाखिल किए गए वार्षिक टैक्स रिटर्न में भी राहुल गांधी की नागरिकता ‘ब्रिटिश’ बताई गई है। इसके बाद 17 फरवरी 2009 को कंपनी के कुछ आवेदनों में राहुल गांधी की नागरिकता फिर से ब्रिटिश लिख दी गई. 2009 में राहुल गांधी दूसरी बार अमेठी से चुनाव जीते.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 का उल्लंघन है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को स्पष्टीकरण देने के लिए पत्र भी भेजा था, बार एंड बेंच की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है. हालांकि, इस प्रक्रिया के 5 साल बाद भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह खुलासा नहीं किया है कि इस संबंध में क्या निर्णय लिया गया, ऐसा स्वामी ने खबरों में कहा है.
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