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    April 30, 2025

    26/11 मुंबई अटैक की रची साजिश.. PAK सेना में निभाई अहम भूमिका, जानें कौन है तहव्वुर राणा?

    1 min read
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    26/11 मुंबई हमलों का साजिशकर्ता अब तक भारत की गिरफ्त में नहीं आ सका था. लेकिन अब इस कुख्यात को अमेरिका से भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है.

    26/11 मुंबई हमलों का साजिशकर्ता अब तक भारत की गिरफ्त में नहीं आ सका था. लेकिन अब इस कुख्यात को अमेरिका से भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जा सकता है. अमेरिका की कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी है. भारत इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की कोशिश में लग गया है. तहव्वुर राणा पर मुंबई हमलों की साजिश रचने और आतंकियों को समर्थन देने के कई गंभीर आरोप हैं.

    भारत प्रत्यर्पण के रास्ते खुले
    अमेरिका की नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने अगस्त 2024 में फैसला सुनाया कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. यह फैसला भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत लिया गया. अदालत ने माना कि भारत ने राणा के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए हैं, जो उसके अपराधों को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं.

    26/11 हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका
    मुंबई पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक.. तहव्वुर राणा ने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की हर संभव मदद की. हेडली ने हमलों से पहले मुंबई में कई जगहों की रेकी की थी. जिसमें राणा ने उसे आर्थिक और लॉजिस्टिक मदद दी. राणा पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था.

    शिकागो में गिरफ्तारी और कानूनी लड़ाई
    मुंबई हमलों के एक साल बाद अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने तहव्वुर राणा को शिकागो से गिरफ्तार किया. उस समय वह वहां एक ट्रैवल एजेंसी चला रहा था. एफबीआई की जांच में यह सामने आया कि राणा ने अपनी ट्रैवल एजेंसी का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए किया. अमेरिका में राणा ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी. लेकिन अदालत ने उसके तर्कों को खारिज कर दिया.

    डेविड हेडली के साथ साजिश का गहरा कनेक्शन
    तहव्वुर राणा और डेविड हेडली बचपन के दोस्त थे. हेडली ने मुंबई हमलों के लिए जगहों की पहचान की. और राणा ने उसे हर तरह की मदद दी. जांचकर्ताओं के अनुसार मुंबई में हमला करने वाले आतंकियों ने राणा द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट पर काम किया.

    भारत में न्याय का इंतजार
    अगर तहव्वुर राणा को भारत लाया जाता है.. तो यह 26/11 हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. राणा पर आतंकवाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे गंभीर आरोप हैं. उसका प्रत्यर्पण न केवल भारत की न्याय प्रणाली को मजबूत करेगा. बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी एक महत्वपूर्ण संदेश देगा. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी सफलता होगी. यह कदम न केवल 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड्स को सजा दिलाने की दिशा में मदद करेगा.. बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगा.

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