‘कांग्रेस ने बाबा के निधन पर एक साधारण शोक सभा भी नहीं की’, प्रणब मुखर्जी की बेटी डॉ.मनमोहन सिंह के स्मारक की मांग से नाराज हैं।
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने 2020 में उनके निधन के बाद एक साधारण शोक सभा भी आयोजित नहीं की।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। कांग्रेस ने मांग की कि डॉ।मनमोहन सिंह की याद में एक स्मारक बनाया जाए क्योंकि वह देश के बेटे हैं। शुक्रवार की रात केंद्र सरकार स्मारक के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर सहमत हो गई। स्मारक पर विवाद के बाद अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति और दिवंगत कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी से अपनी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा स्मारक की मांग करने पर रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने मेरे पिता के निधन के बाद एक साधारण शोक सभा भी आयोजित नहीं की।
गुरुवार (26 दिसंबर) को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। आज बाद में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बीच, कांग्रेस ने शुक्रवार को उन्होंने मांग की कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाए। इसके बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी पोस्ट में कहा, “जब बाबा का निधन हुआ तो कांग्रेस कार्यसमिति ने एक साधारण शोक सभा भी आयोजित नहीं की।” तब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपति के लिए ऐसी शोकसभा आयोजित नहीं की जाती। लेकिन ये पूरी तरह ग़लत है. बाबा की डायरी से मुझे पता चला कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन की मृत्यु के बाद कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई गई थी और बाबा ने स्वयं शोक संदेश का मसौदा तैयार किया था।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भाजपा नेता सीआर केसवन की एक एक्स-पोस्ट शेयर कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। केशवन ने स्मारक के लिए लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए कांग्रेस की आलोचना की थी। केशवन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार कांग्रेस ने गांधी परिवार के अलावा अन्य राजनीतिक नेताओं की अवहेलना की।
डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने 2004 से 2009 तक मीडिया सलाहकार के रूप में कार्य किया।डॉ। संजय बारू द्वारा लिखित पुस्तक “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” में भी इसका उल्लेख किया गया है। पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की मृत्यु के बाद तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने उनके स्मारक के लिए दिल्ली में जगह उपलब्ध नहीं कराई। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव के लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया।
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