Chirag Paswan: जहां रामविलास नाम ही काफी था! केले वाले हाजीपुर में आसान नहीं चिराग पासवान की राह.
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हाजीपुर,बिहार की चुनिंदा हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. लोकसभा चुनाव में यह काफी चर्चा में है क्योंकि रामविलास पासवान की सीट पर बेटा चिराग लड़ रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वहां रैली की है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या रामविलास की सियासी विरासत को आगे बढ़ाएंगे चिराग?
केले के लिए मशहूर बिहार का हाजीपुर दुनिया को लोकतंत्र का पाठ बढ़ाने वाले वैशाली जिले का हिस्सा है. गंगा और गंडक नदियों के संगम वाला यह क्षेत्र शुरू से ही समाजवादियों के प्रभाव वाला माना गया है. यहां का चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा जाता रहा है. इस लोकसभा सीट पर ना केवल पूरे देश की नजरें हैं, बल्कि कहा जा रहा है कि यहां के नतीजे दिवंगत रामविलास पासवान की कर्मस्थली और उनकी सियासी विरासत को तय करेंगे.
एनडीए ने यहां से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवचंद्र राम को प्रत्याशी बनाया है. इस क्षेत्र में मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधन के बीच ही माना जा रहा है.
19.53 लाख से ज्यादा मतदाताओं वाले हाजीपुर संसदीय सीट में हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजापाकर, राघोपुर और महनार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. हाजीपुर संसदीय क्षेत्र 1952 में सारण सह चंपारण संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था. 1957 में यह क्षेत्र अस्तित्व में आया. 1957 से 1971 तक यह क्षेत्र केसरिया संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. पिछले चुनाव में यहां से रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस जीते थे. रामविलास ने यहां से रिकॉर्ड वोटों से जीतकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था.
यहां की सियासत चार दशक तक रामविलास पासवान के इर्द गिर्द घूमती रही है. पिछले चुनाव से इस बार परिस्थितियां बदली नजर आ रही हैं. पिछले चुनाव से अलग इस चुनाव में रामविलास की इस कर्मभूमि से उनके पुत्र चिराग पासवान चुनावी मैदान में उतरे हैं.
जातीय आधार पर इस क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा और पासवान की संख्या ज्यादा है. अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं.
सोमवार को PM नरेंद्र मोदी ने भी हाजीपुर में चिराग के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रामविलास पासवान को याद किया. उन्होंने रामविलास पासवान को सामाजिक न्याय का सच्चा साधक बताया और कहा कि रामविलास जी की आत्मा को चिराग के सिर्फ जीतने भर से शांति नहीं मिलेगी, उनकी आत्मा को शांति तब मिलेगी जब उन्हें रामविलास पासवान से ज्यादा वोट मिलेंगे.
माना जाता है कि दोनों गठबंधन में शामिल दलों को अपने वोट बैंक और कैडर वोटों को अंतिम समय तक सहज कर रखना चुनौती है. हालांकि अपने प्रत्याशी शिवचंद्र राम के लिए राजद ने पूरा जोर लगाया है.
चिराग पासवान को जहां सवर्ण जातियों के साथ-साथ मोदी और नीतीश के नाम और भाजपा के कैडर वोटों का सहारा है, वहीं शिवचंद्र राम को अपने वोट बैंक पर भरोसा है. अब मतदाता क्या फैसला करते हैं, यह तो चार जून को चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. हाजीपुर में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है.
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