चीनी पहचान मिटा रहीं चीन की कंपनियां:दूसरे देशों में कर रहीं रजिस्टर; चीन का नाम और अमेरिका से रिश्ते खराब होने का डर।
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चीन की कंपनियां अपनी साख बचाने के लिए चीनी पहचान मिटा रही हैं। इसकी वजह दुनिया के बाजार में चीन का नाम और अमेरिका से रिश्ते दोनों का खराब होना है। कई चीनी मल्टीनेशनल कंपनियों ने वेबसाइट से चीन का नाम हटा दिया है। वे अपने मुख्यालय सिंगापुर, अमेरिका जैसे देशों में स्थापित कर रही हैं।
कई कंपनियां चीनी रजिस्ट्रेशन खत्म कर दूसरे देशों में रजिस्टर्ड हो रही हैं। कुछ चीनी कंपनियों के मालिक देश छोड़ दूसरे देशों में बस गए हैं।
चीनी कंपनियों ने अपने हेडक्वार्टर भी चीन के बाहर बनाए हैं
चीनी फैशन कंपनी शैन चीन के नानकिंग में रजिस्ट्रर्ड थी। उसे कैंसिल करा सिंगापुर में रजिस्ट्रेशन कराया है। टिकटॉक ने लॉस एंजिल्स, टेमू ने बॉस्टर और उसकी पेरेंट कंपनी पीडीडी होल्डिंग्स ने आयरलैंड में मुख्यालय बनाया है। चीन की कई सोलर कंपनियों ने फोर्स लेबर के आरोप से बचने के लिए दूसरे देशों में फैक्टरियां खोली हैं।
फोर्स लेबर पर अमेरिका ने भारी कर लगा दिए हैं। चीन में काम कर रही दूसरे देशों की कंपनियां भी अपने चीनी ऑपरेशन और दूसरे देशों के बीच के कारोबार को अलग रखती हैं, ताकि उनकी साख पर असर न हो। द वेंचर कैपिटल फर्म सेकुआ कैपिटल ने तो अपने पूरे कारोबार को 3 हिस्से में बांट दिया है, एक चीन, दूसरा भारत और तीसरा ग्लोबल।
2016 से ही खराब नीतियों के चलते चीन छोड़ने लगी थीं कंपनियां
सप्लाई चेन टेक्नोलॉजी कंपनी अल्टाना के शोध बताते हैं कि 2016 से ही चीन के नए कानून, कस्टम और व्यापार नीतियों की वजह से कंपनियां देश छोड़ने लगीं, लेकिन अब वे अपनी चीनी पहचान भी छोड़ रही हैं।
चीनी कंपनियों ने पेशेवर अमेरिकी लॉबिस्ट को हायर किया
कई चीनी कंपनियों ने तो अपनी चीनी पहचान पूरी तरह मिटाने के लिए पेशेवर लॉबिस्ट को हायर किया है। वे अमेरिका में चीनी कंपनियों की गैर चीनी कंपनी के तौर पर ब्रांडिंग करते हैं। कई कंपनियों ने यह बताने के लिए कि वे चीनी कंपनी नहीं हैं अपने करीब आधे शेयर दूसरे देशों के लोगों को दे रखें हैं।
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