चीन का नया आसमानी बवंडर, पलक झपकते ही 10 हजार किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन को कर देगा नेस्तनाबूद।
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दुनिया में सबसे अधिक ताकतवर कौन? इस बात की हमेशा से चर्चा होती रहती है. अमेरिका और चीन में इसको लेकर आए दिन बयानबाजी भी होती है. लेकिन चीन अमेरिका को टक्कर देने के लिए अब बयानबाजी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे हथियार बना रहा है, जिसके दमपर वह पूरी दुनिया में खुद की ताकत का लोहा मनवा पाए. कुछ ऐसा ही हुआ है इस बार खतरनाक स्टेल्थ फाइटर जेट H-20 के बारे में जानें पूरी कहानी.
चीन और चीन की सेना लगातार खुद को ताकतवर बनाने में जुटी है. पिछले पांच सालों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (पीएलएआरएफ) ने अपने परमाणु हथियारों के प्रकार और मात्रा में पहले से कहीं अधिक विस्तार कर लिया है. इस समय चीन के पास इतिहास के किसी भी दौर में मौजूद परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा है, जिसने अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है. चीन की ताकत पर बहुत सारी रिपोटें आती रही हैं लेकिन ताजा रिपोर्ट ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है.
चीन के H-20 लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर को लॉन्च होने में अभी कई साल लगेंगे: पेंटागन
पेंटागन ने बुधवार को जारी एक वार्षिक रक्षा रिपोर्ट में कहा कि चीन के H-20 स्टील्थ बॉम्बर के 2030 के दशक तक लॉन्च होने की संभावना नहीं है. भले ही पेंटागन यह बात कह रहा हो लेकिन असल बात यह है कि चीन ने अमेरिका को टक्कर देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा. तभी तो चीन मिलिट्री पावर रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने लंबी दूरी के बॉम्बर्स की एक नई पीढ़ी विकसित कर रहा है, जिसका नाम संभवतः H-20 होगा… जो अगले दशक में लॉन्च हो सकता है. यह रिपोर्ट व्यापक रूप से चर्चित उन्नत चीनी स्टील्थ बॉम्बर के बारे में वाशिंगटन का नवीनतम मूल्यांकन प्रस्तुत करती है.
अमेरिका की चीन पर विशेष नजर
अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अधिकृत और पिछले दो वर्षों से हर साल जारी की जाने वाली पेंटागन रिपोर्ट को चीन की सैन्य प्रगति पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की सबसे व्यापक अवर्गीकृत रिपोर्ट के रूप में देखा जाता है. H-20 कार्यक्रम को पहली बार 2016 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा “लंबी दूरी के बॉम्बर्स की नई पीढ़ी” के रूप में पेश किया गया था, जिसे अमेरिका के B-2 स्पिरिट और B-21 रेडर बॉम्बर्स के लिए बीजिंग के जवाब के रूप में देखा गया था.
स्टेल्थ फाइटर जेट H-20 की ताकत जान हैरान रह जाएंगे
पेंटागन के अनुसार, H-20 की रेंज “10,000 किलोमीटर (लगभग 6,214 मील) से अधिक” होगी, “जिससे पीएलए वायु सेना दूसरे द्वीप श्रृंखला और प्रशांत के पश्चिमी क्षेत्र को कवर करने में सक्षम होगी”. इसमें यह भी कहा गया है कि बमवर्षक में पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है और इसमें “एक गुप्त डिजाइन” होगा. हालांकि पीएलए ने अत्यधिक गोपनीय बमवर्षक के बारे में बहुत कम जानकारी दी है, लेकिन पेंटागन के नवीनतम अनुमान में जेट की अनुमानित सीमा को 2021 की रिपोर्ट की तुलना में 1,500 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हवाई ईंधन भरने से इसकी सीमा “पूरी दुनिया को कवर करने” तक बढ़ सकती है.
इसके पहले H-20 पर चीन की सबसे हालिया आधिकारिक टिप्पणियों में से एक मार्च में आई थी, जब PLA वायु सेना के डिप्टी कमांडर वांग वेई ने कहा था कि बॉम्बर के बारे में औपचारिक घोषणा “जल्द ही” की जाएगी. “कोई तकनीकी कठिनाई नहीं है. हमारे शोधकर्ता अच्छा काम कर रहे हैं और बहुत सक्षम हैं,”
पूरी दुनिया में कही भी कर सकता है हमला
परमाणु हथियार दागने में सक्षम एक रणनीतिक बॉम्बर को तथाकथित परमाणु त्रिभुज की एक विशेषता के रूप में देखा जाता है, जो भूमि-आधारित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों के साथ-साथ पूर्ण निरोध क्षमता प्रदान करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बाद, चीन तीसरा ऐसा देश है जिसने ऐसी क्षमताएँ विकसित की है.
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