गडकरी की बात सुनकर चीन को लग जाएगी मिर्ची, 2030 तक 5 करोड़ नौकरियों के बनेंगे मौके।
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अमेरिका और चीन के बाद भारत का ऑटोमोबाइल मार्केट तीसरे नंबर पर है. जापान को पछाड़कर भारत तीसरे पायदान पर पहुंचा है. आने वाले समय में चीन को पछाड़कर भारत दूसरे पायदान पर पहुंच जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkarni) ने गुरुवार को देश के इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है और इसमें पांच करोड़ नौकरियों के मौके बनेंगे. उन्होंने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को करीब आधे एयर पॉल्यूशन के लिये जिम्मेदार ठहराया. गडकरी आठवें ईवीएक्सपो (Evexpo 2024) में बोल रहे थे. ईवी फाइनेंस मार्केट के 2030 तक 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है.
फोसिल फ्यूल कई तरह की समस्याएं पैदा कर रहा
गडकरी (Nitin Gadkarni) ने कहा कि फोसिल फ्यूल देश में कई तरह की समस्याएं पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा हम 22 लाख करोड़ रुपये के फोसिल फ्यूल का आयात करते हैं, यह बड़ी आर्थिक चुनौती है. फोसिल फ्यूल (Fossil Fuels) का यह आयात हमारे देश में कई समस्याएं पैदा कर रहा है. सरकार की तरफ से ग्रीन एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है क्योंकि देश की 44 प्रतिशत पावर बॉस्केट सोलर एनर्जी है. उन्होंने कहा कि जल विद्युत, इसके बाद सोलर पावर और ग्रीन पावर बायोमास से ग्रीन एनर्जी के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
देश को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इलेक्ट्रिक बसों की कमी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है लेकिन क्षमता 50,000 बसों की है. उन्होंने ऑटो कंपनियों से क्वालिटी से समझौता किये बिना अपने कारखानों का विस्तार करने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा करने का यह उपयुक्त समय है. गडकरी ने जब 2014 में परिवहन मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी, तब देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर का साइज 7 लाख करोड़ रुपये था और आज यह 22 लाख करोड़ रुपये है.
अमेरिका का ऑटोमोबाइल सेक्टर सबसे बड़ा
उन्होंने कहा कि हमारा दुनिया में तीसरा नंबर है. हमने जापान को पीछे छोड़ दिया है. भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अमेरिका (78 लाख करोड़ रुपये) और चीन (47 लाख करोड़ रुपये) के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर है. आने वाले समय में हमें चीन को पीछे छोड़ना है. उन्होंने कहा कि देश को आने वाले पांच साल में टॉप पर पहुंचने की जरूरत है. इंडस्ट्री का भविष्य अच्छा है. हमें इस सेक्टर में चीन से मुकाबला करना है. इसके लिए हमें अच्छी तकनीक और क्वालिटी की जरूरत है.
गडकरी ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी को तैयार करना अहम है. टाटा, अडानी और मारुति जैसी कंपनियां बैटरी बनाने के प्रोसेस में हैं. देश में 16,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं और 2,800 पाइपलाइन में हैं.
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