Charlotte Chopin: कौन हैं फ्रांस की 101 साल की महिला शारलोट चोपिन, जिन्हें PM मोदी ने योग दिवस पर किया याद.
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लोग कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ शरीर का लचीलापन घट जाता है. लेकिन शारलोट मैम के साथ ऐसी कोई बंदिश नहीं है. उनका कहना है कि उन्होंने योगा बहुत बाद में शुरू किया लेकिन उनका मन इसी में रम गया.
दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम दिखी. खासकर भारत में 10वें योग दिवस को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीनगर में योग किया. योग सत्र के अपने भाषण में PM मोदी ने कहा, ‘तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी हर जगह योग की प्राचीन विधाएं तेजी से पॉपुलर हो रही हैं और लोग योग को जीवन का हिस्सा बना रहे हैं’. इसी दौरान उन्होंने 101 वर्षीय फ्रांसीसी महिला चार्लोट चोपिन का जिक्र किया. आखिर क्यों पीएम मोदी को एक वृद्ध महिला की याद आई और उनका भारत से क्या कनेक्शन है ये जानकर भी आपको खुशी होगी.
कौन हैं चार्लोट चोपिन?
चोपिन फ्रांस मूल की महिला हैं. उम्र में पांच दशक बीत जाने के बाद उन्होंने योग सीखा फिर पूरा जीवन इसी को समर्पित कर दिया. कुछ समय पहले भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया था. उन्होंने कई बार भारत और योग का जिक्र किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जुलाई, 2023 को रविवार के दिन अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के एपिसोड में फ्रांस की शारलोट चोपिन का जिक्र किया था. उसी साल प्रधानमंत्री मोदी अपने फ्रांस दौरे के बीच समय निकाल कर शारलोट से मिलने गए थे. शारलोट पेशे से योगा टीचर हैं, लेकिन अभी भी वो योगा के कई कठिन आसन बड़ी आसानी से कर लेती हैं. पीएम मोदी ने बताया कि शारलोट अपने बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र का क्रेडिट योग को ही देती हैं.
योग में 51 और 101 का शगुन
101 साल की योगा टीचर शारलोट मैम ने 51 साल पहले योग करने की शुरुआत की थी. करीब आधी सदी पहले जब वो खुद 51 साल की रहीं होंगी, तब उन्होंने एक दोस्त की सलाह पर योग अभ्यास करने की शुरुआत की थी. एक वो दिन था और एक आज का दिन है, वो लगातार योगा करने के साथ लोगों को भी योग करने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
जर्मनी में पैदा हुईं फ्रांस को बनाया आशियाना फिर…
कार्यकारी सचिव के तौर पर रिटायर होने वाली चार्लोट का जन्म जर्मनी में हुआ था. अपने काम के दिनों में वो दक्षिण अफ्रीका और कैमरून में भी रहीं. जिंदगी का शतक लगाने वाली योगा टीचर उम्र के इस पड़ाव में भी एकदम स्वस्थ्य और एक्टिव होने के साथ योग के जरिए सभी को निरोगी रहने का मंत्र दे रही हैं. आज उनकी पहचान एक ग्लोबल योग शिक्षक के तौर पर है.
लोग कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ शरीर का लचीलापन घट जाता है. लेकिन शारलोट मैम के साथ ऐसी कोई बंदिश नहीं है. 101 साल की उम्र में भी वो कठिन से कठिन आसन कर लेती हैं. उनका कहना है कि उन्होंने योगा बहुत बाद में शुरू किया लेकिन उनका मन इसी में रम गया.
योग के जरिए विश्व गुरु बनेगा भारत
वहीं पीएम मोदी ने योग की तारीफ करते हुए कहा, ‘योग के वैश्विक स्तर पर प्रसार से इसके बारे में धारणा में बदलाव आया है क्योंकि इसके बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोग भारत की यात्रा कर रहे हैं. वहीं शारलोट उन लोगों में से हैं जो शरीर की क्षमता पर लगी उम्र की बेड़ियों को तोड़ती हैं. पीएम मोदी शारलोट से इतने प्रभावित हुए हैं कि उन्होंने आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर फिर उनका जिक्र किया है.
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