चारधाम यात्रा आज से शुरू, 22 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, इस दिन खुलेंगे केदारनाथ-बद्रीनाथ के कपाट।
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चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं. यात्रा मार्गों की मरम्मत, चिकित्सा सुविधाएं, आपातकालीन सेवाएं दुरुस्त की गई हैं.
उत्तराखंड की पावन भूमि पर चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो चुका है. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत रूप से खोल दिए गए हैं, जिससे देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखने को मिला. इस वर्ष अब तक 22 लाख से अधिक तीर्थयात्री यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं, जो यात्रा की भव्यता और आस्था की गहराई को दर्शाता है.
चारधाम यात्रा के तहत सबसे पहले उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए. इसके बाद दो मई को रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम और चार मई को चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इस प्रकार, चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही आध्यात्मिक यात्रा अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगी.
आज से शुरू हुई चारधाम यात्रा
यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:55 बजे निर्धारित किया गया. इससे पूर्व सुबह आठ बजे देवी यमुना की चल विग्रह उत्सव डोली अपने बड़े भाई शनिदेव की अगुआई में शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान कर गई. करीब 10,804 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस धाम में कपाट खुलने के अवसर पर लगभग 7,000 श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई.
इस अवसर पर पूरे मार्ग को फूलों से सजाया गया था और जगह-जगह तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए भव्य स्वागत द्वार बनाए गए. यात्रा मार्ग पर स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों के चेहरों पर रौनक लौट आई है. इससे पहले गंगोत्री धाम के कपाट आज सुबह 10:30 बजे अभिजीत मुहूर्त में खोले गए. मां गंगा की चल विग्रह डोली मंगलवार दोपहर मुखवा गांव से रवाना हुई और भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद आज गंगोत्री धाम पहुंची. डोली की अगवानी ढोल-दमाऊ की थाप और 14 राजपूताना राइफल्स के पाइप बैंड की मधुर धुनों के बीच हुई.
2 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को सुबह 7:00 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली मंगलवार को विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी से रवाना होकर अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची. आज यह डोली गौरीकुंड पहुंचेगी और एक मई की शाम तक समुद्रतल से 11,657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम पहुंच जाएगी. केदारनाथ धाम की ओर तीर्थयात्रियों का रेला उमड़ पड़ा है और प्रशासन यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.
बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को सुबह 6:00 बजे खोले जाएंगे. इससे पूर्व 22 अप्रैल को टिहरी के नरेंद्रनगर राजमहल से शुरू हुई तेल कलश यात्रा डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में पांच दिन के विश्राम के बाद आज अपने दूसरे चरण में बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी. कलश यात्रा तीन मई की शाम 10,277 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और इसी के साथ कपाट खुलने की सभी धार्मिक तैयारियां पूर्ण हो जाएंगी.
प्रशासन ने की व्यापक तैयारियां
चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं. यात्रा मार्गों की मरम्मत, चिकित्सा सुविधाएं, आपातकालीन सेवाएं और तीर्थयात्रियों के विश्राम के लिए धर्मशालाओं व पड़ावों की व्यवस्थाएं पहले से दुरुस्त कर दी गई हैं. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पंजीकरण प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है, ताकि भीड़ नियंत्रित रखी जा सके और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आध्यात्मिक पहचान है और हर वर्ष यह न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं को जोड़ती है बल्कि राज्य के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देती है. इस वर्ष यात्रा का भव्य शुभारंभ आस्था, उत्साह और प्रशासन की तत्परता के साथ हुआ है, जो आने वाले महीनों में इसे और भी गौरवपूर्ण बनाएगा.
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