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    April 19, 2025

    Chandra Grahan 2023: 4 शुभ योग में मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण के दिन इस तरह आसमान के नीचे रख सकेंगे खीर।

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    Chandra Grahan 2023: 28 अक्टूबर को 4 शुभ योगों में शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा , शरद पूर्णिमा पर लोग आसमान के नीचे खीर रखते हैं , क्या इस बार ग्रहण में खीर रख सकेंगे या नहीं।

    Chandra Grahan 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है , पौराणिक मान्यता है कि हर माह पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं , वहीं सभी पूर्णिमा व्रत में भी शरद पूर्णिमा तिथि को सर्वोत्तम माना गया है और इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है , हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इस दिन रात में चंद्र ग्रहण लगने के कारण इस तिथि का महत्व बढ़ गया है।

    ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार शरद पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है , 28 अक्‍टूबर को लगने वाले इस ग्र‍हण के वक्‍त कई शुभ योग बने हैं , इनके प्रभाव से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा , उस वक्‍त चंद्रमा भी मेष राशि में होंगे और गुरु पहले से ही यहां विराजमान हैं , इस तरह गुरु और चंद्रमा मिलकर मेष राशि में गजकेसरी योग बना रहे हैं , कन्‍या राशि में स्थित सूर्य, मंगल और बुध की शुभ दृष्टि भी इन पर रहेगी , इसके अलावा ग्रहण के शुरू होने के वक्‍त सिद्ध योग भी लग जाएगा और शनि भी अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में बैठकर शश नामक राजयोग बनाएंगे , सूर्य और बुध भी कन्‍या राशि में बुधादित्‍य राजयोग बना रहे हैं।

    चंद्र ग्रहण में आसमान के नीच कैसे रखें खीर
    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चंद्र ग्रहण के मोक्ष के बाद खुले आसमान के नीचे आप खीर रख सकते हैं , आप खीर बनाने के लिए गाय के दूध में सूतक काल शुरू होने के पहले कुशा डाल दें , फिर उसे ढककर रख दें. इससे सूतक काल के दौरान दूध शुद्ध रहेगा. बाद में आप इसकी खीर बनाकर भोग लगा सकेंगे , इस दौरान खीर बनाने की प्रक्रिया ग्रहण खत्म होने के बाद शुरू की जाएगी , फिर भोर में आप अमृत वर्षा के लिए इसे खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं , शरद पूर्णिमा की रात कई मायने में महत्वपूर्ण है , जहां इसे शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है, वहीं माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अपनी चांदनी में अमृत बरसाता है , पूर्णिमा की रात हमेशा ही बहुत सुंदर होती है लेकिन शरद पूर्णिमा की रात को सबसे सुंदर रात कहा जाता है।

    पुराणों तो यहां तक कहा गया है कि इसकी सुंदरता को निहारने के लिए स्वयं देवता भी धरती पर आते हैं , धार्मिक आस्था है कि शरद पूर्णिमा की रात में आसमान से अमृत की वर्षा होती है , चांदनी के साथ झरते हुए हुए इस अमृत रस को समेटने के लिए ही आज की रात खीर बनाकर चंद्रमा की चांदनी में रखा जाता है , इसी वजह से लोग इस पूरी रात्रि को खीर बनाकर चांदनी में रख देते हैं, ताकि उसे प्रसाद के रूप में सुबह स्नान करके खाने के बाद निरोग हो पाएं।

    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि इस खीर में अमृत का अंश होता है, जो आरोग्य सुख प्रदान करता है , इसलिए स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा के दिन खीर जरूर बनानी चाहिए और रात में इस खीर को खुले आसमान के नीचे जरूर रखना चाहिए , इसी के साथ आर्थिक संपदा के लिए शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण का विधान शास्त्रों में बताया गया है , यही कारण है कि इस रात को, को-जागृति यानी कोजागरा की रात भी कहा गया है , को-जागृति और कोजागरा का अर्थ होता है कि कौन जाग रहा है।

    कहते हैं कि इस रात देवी लक्ष्मी सागर मंथन से प्रगट हुईं थी , इसलिए इसे देवी लक्ष्मी का जन्मदिवस भी कहते हैं , अपने जन्मदिन के अवसर पर देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती हैं , इसलिए जो इस रात देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन पर देवी की असीम कृपा होती है , इस रात देवी लक्ष्मी की पूजा कौड़ी से करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है , जो लोग धन और सुख-शांति की कामना रखते हैं वह इस अवसर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा का आयोजन कर सकते हैं।

    शुभ योग
    इस बार शरद पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है , साथ ही इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है , भारत में भी यह चंद्रग्रहण दिखाई देगा. ऐसे में इसका सूतक काल मान्य होगा , बता दें कि चंद्रग्रहण लगने से पहले सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है , 28 अक्टूबर के दिन पूर्णिमा तिथि आरंभ सुबह 4:18 मिनट से हो रहा है पूर्णिमा तिथि 29 तारीख को 1:54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी , शरद पूर्णिमा का व्रत जो लोग रखते हैं वह 28 अक्टूबर को ही इस व्रत को रखेंगे।

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