CBSE Curriculum: सीनियर सेकेंडरी स्कूल या क्लास 12 के लिए सीबीएसई का करिकुलम क्या है?
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नए करिकुलम में, एजुकेशनल सिस्टम में 21वीं सदी के स्किल को इंटीग्रेट करने की जरूरत पर शिक्षकों के बीच जागरूकता बढ़ी है.
सीनियर सेकेंडरी स्कूल 2024-25 के करिकुलम को सात मेजर लर्निंग एरिया के साथ डिजाइन किया गया है जिसमें लेंगुएज, ह्यूमैनिटीज, मैथ्स, साइंस, स्किल सब्जेक्ट, जनरल स्टडीज और हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन शामिल हैं.
नए करिकुलम में, एजुकेशनल सिस्टम में 21वीं सदी के स्किल को इंटीग्रेट करने की जरूरत पर टीचर्स के बीच जागरूकता बढ़ी है. स्किल में सीखने के स्किल, साक्षरता स्किल और लाइफ स्किल शामिल हैं.
चूंकि कक्षा 11 और 12 एक कंपोजिट कोर्स है, इसलिए स्टूडेंट्स को कक्षा 11 में केवल वही विषय लेने चाहिए जिन्हें वह कक्षा 12 में पढ़ना चाहते हैं. छात्रों को कक्षा 11 में कम से कम 5 या ज्यादा सब्जेक्ट की पेशकश की जा सकती है.
असेस्मेंट स्कीम में हर सब्जेक्ट के लिए दिए गए सिलेबस के अनुसार थ्योरी, इंटरनल असेस्मेंट या प्रक्टिकल कंपोनेंट होंगे. सेकंडरी स्कूल की क्लास के लिए स्टडी की स्कीम इस प्रकार है.
कक्षा 11 और 12 में पढ़ाई जाने वाली दो लेंगुएज में से एक हिंदी या अंग्रेजी होनी चाहिए.
छात्र या तो हिंदी इलेक्टिव (कोड 002) या हिंदी कोर (कोड 302) या अंग्रेजी इलेक्टिव (कोड-001) या अंग्रेजी कोर (कोड-301) चुन सकते हैं. कोर और इलेक्टिव दोनों लेवल पर एक ही भाषा की पेशकश नहीं की जा सकती.
बिजनेस स्टडीज (कोड 054) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कोड 833)
कंप्यूटर साइंस/ आईटी से संबंधित तीन सब्जेक्ट यानी इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिसेज (065), कंप्यूटर साइंस (कोड 083), इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (कोड 802) में से एक उम्मीदवार केवल एक ही सब्जेक्ट चुन सकता है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम/ मार्कशीट में सब्जेक्ट को भरने के क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर में पहले पांच सब्जेक्ट को मैन सब्जेक्ट माना जाता है.
एक कैंडिडेट को एक एडिशनल ऑप्शल सब्जेक्ट भी पेश कर सकता है जो या तो ऑप्शनल लेवल पर एक लेगुएज हो सकता है या कोई अन्य ऑप्शनल सब्जेक्ट हो सकता है.
जो कैंडिडेट 6/7 विषय लेते हैं और सभी 6/7 विषयों में पास होते हैं, उनके पर्सेंटेज की गणना उस कॉलेज/ संस्था के मानदंडों के मुताबिक की जाएगी जिसमें उम्मीदवार एडमिशन चाहता है.
यदि किसी स्टूडेंट ने छह सब्जेक्ट लिए हैं, और यदि वह पहले पांच सब्जेक्ट में से किसी एक में फेल हो जाता है, तो उसे छठे सब्जेक्ट से रिप्लेस दिया जाएगा, बशर्ते कि उम्मीदवार स्टडी की योजना को पूरा करता हो, यानी रिप्लेसमेंट के बाद मुख्य पांच सब्जेक्ट में से हिंदी या अंग्रेजी में से एक ही रहेगा.
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