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    April 23, 2025

    कनाडा सरकार का ‘ई-मेल बम’, भारतीय छात्रों का करियर बर्बाद करने की साजिश! आखिर क्‍या है जस्टिन ट्रूडो का ‘गंदा प्‍लान’

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    कनाडा और भारत के बीच रिश्‍तों में विवाद गहराता जा रहा है. कनाडा भारत को किसी भी तरह से परेशान करने की कोशिश कर रहा है. कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारतीयों छात्रों को परेशान करने के लिए अलग से नियम, कानून बनाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि कैसे कनाडा सरकार भारतीय छात्रों की जिंदगी बर्बाद करने के लिए साजिश रच रही है. जानें सबकुछ.

    कनाडा और भारत के बीच तनाव अपने चरम पर है. तीन भारतीय छात्रों की हत्या के बाद, भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है. भारत ने कनाडा सरकार से गहराई से जांच की मांग की है और अपने नागरिकों पर वहां बढ़ते हमलों के प्रति भी अलर्ट किया है. उधर कनाडा ने भारतीयों को परेशान करने के लिए एक नया गंदा खेल खेला है. इसके लिए बकायतदा ईमेल भी भेजा गया है. जिससे भारतीय छात्र दहशत में हैं. जानें कनाडा सरकार का गंदा खेल.

    कनाडा सरकार का गंदा खेल
    भारत के साथ गंदी राजनीति खेल रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार अब भारतीय छात्रों को परेशान करने के लिए एक नया तरीका खोजा है. जिसके लिए ईमेल भेजा गया है. यानी ट्रूडो के दिमाग में एक अलग तरह की खिचड़ी पक रही है. वो भारत सहित तमाम विदेशी छात्रों पर एक्‍शन की तैयारी में हैं.जिससे कनाडा में पढ़ाई करने पहुंचे विदेशी छात्रों में दहशत फैल गई है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने बताया है कि उन्हें ईमेल मिले हैं, जिनमें उनसे स्‍टडी परमिट, वीजा और शैक्षिक रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज फिर से जमा करने को कहा गया है, जिसमें अंक और उपस्थिति शामिल हैं.

    कनाडा सरकार का नया क्‍या प्‍लान
    कनाडा में विदेशी छात्रों के लिए बनाए गए सरकारी विभाग इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के इस ईमेल से अंतरराष्ट्रीय छात्रों में व्यापक दहशत पैदा कर दी है, जिनमें से कई के पास दो साल तक की वैधता वाले वीजा हैं. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब IRCC अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्‍या को देश में कम करने के लिए अपनी नीतियों में सख्ती ला रहा है.

    भारतीय छात्रों ने क्‍या बताया
    ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में अध्ययनरत हैदराबाद के स्नातकोत्तर छात्र अविनाश कौशिक ने कहा, “जब मुझे ईमेल मिला तो मैं थोड़ा चौंक गया. मेरा वीज़ा 2026 तक वैध है, फिर भी मुझे अपने सभी दस्तावेज़ फिर से जमा करने के लिए कहा गया.” उन्होंने कहा, “वे उपस्थिति, अंकों, जहाँ हम अंशकालिक काम कर रहे हैं, आदि का प्रमाण भी चाहते हैं.”

    पंजाब के छात्रों को भी मेल
    पिछले हफ़्ते, पंजाब के छात्रों के बीच इस तरह के ईमेल में इसी तरह की वृद्धि देखी गई. कुछ को तो अपने क्रेडेंशियल सत्यापित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से IRCC कार्यालयों में जाने के लिए भी कहा गया. ओंटारियो में अध्ययनरत हैदराबाद के छात्र अविनाश दासरी ने कहा, “कई छात्र भ्रमित और चिंतित हैं.” हाल के वर्षों में, कनाडा ने अंतर्राष्ट्रीय छात्र नामांकन में सबसे अधिक वृद्धि देखी है, जिसमें भारतीय छात्र इस समूह का एक बड़ा हिस्सा हैं.

    कनाडा में सबसे अधिक भारतीय छात्र
    विदेश मंत्रालय के अनुसार, कनाडा में सबसे अधिक संख्या में भारतीय छात्र हैं, जहां 4.2 लाख छात्र नामांकित हैं, इसके बाद अमेरिका में 3.3 लाख भारतीय छात्र हैं. ईमेल की अचानक बाढ़ ने छात्रों को अपने भविष्य के बारे में अनिश्चित बना दिया है. ब्रिटिश कोलंबिया में अब आदिलाबाद की एक बिजनेस मैनेजमेंट छात्रा मनीषा पटेल ने कहा, “हमने कनाडा को उसके स्वागतपूर्ण माहौल के लिए चुना, लेकिन यह अनुचित लगता है.”

    छात्रों का भविष्‍य हो सकता है बर्बाद
    उधर टोरंटो में एक इमिग्रेशन कंसल्टेंट महबूब राजवानी ने कहा, “यह कदम अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को नियंत्रित करने की कनाडा की व्यापक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है.” “सीमाएँ और वित्तीय आवश्यकताएँ शुरू की जा रही हैं जो एक स्पष्ट संकेत हैं. यह कदम वास्तविक छात्रों को छांटने के लिए भी हो सकता है क्योंकि कई लोग अपने निर्दिष्ट शिक्षण संस्थान को बदल देते हैं और ऐसे संस्थान में चले जाते हैं जहाँ उपस्थिति पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है ताकि वे कनाडा में काम कर सकें,” उन्होंने कहा. “यदि छात्र समय पर इन अनुरोधों का अनुपालन नहीं करते हैं, तो इससे वीज़ा रद्द हो सकता है या भविष्य में जटिलताएँ हो सकती हैं. हम छात्रों को ईमेल में दिए गए निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करने की सलाह देते हैं,”

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