क्या मधुमेह के रोगी और गर्भवती महिलाएं गेहूं का सेवन कर सकते हैं? विशेषज्ञों से जानें गेहूं के स्वास्थ्य लाभ
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डाइट में गेहूं शामिल करना है सेहत के लिए फायदेमंद…
गेहूं अधिकतर लोगों के आहार में शामिल होता है। नाश्ते से लेकर रात के खाने तक गेहूं के आटे की भूसी खाई जाती है. गेहूं से हलवा, पैनकेक, मसाला पूरी आदि बनाये जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि गेहूं में ग्लूटेन होता है, जिससे वजन बढ़ता है। तो आज हम इसके बारे में और अधिक जानने वाले हैं। सिग्नस लक्ष्मी हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. संजय कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि डाइट में गेहूं शामिल करना सेहत के लिए फायदेमंद है.
गेहूं के पोषण संबंधी लाभ:
कैलोरी: 339 किलो कैलोरी प्रति 100 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट: 72.6 ग्राम
आहारीय फ़ाइबर: 12.2 ग्राम
चीनी: 0.41 ग्राम
प्रोटीन: 11.3 ग्राम
वसा: 1.9 ग्राम
गेहूं के स्वास्थ्य लाभ:
1. हृदय के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है: गेहूं में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है।
2. पाचन में सुधार: गेहूं की उच्च फाइबर सामग्री पाचन को आसान बनाने और कब्ज को रोकने में मदद करती है।
3. वजन को नियंत्रित करता है: गेहूं में मौजूद फाइबर वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
4. रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है: गेहूं में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
5. एंटीऑक्सीडेंट: गेहूं में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य में योगदान करते हैं और शरीर में बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।
क्या मधुमेह रोगी अपने आहार में गेहूं का सेवन कर सकते हैं?
मधुमेह से पीड़ित लोग अपने आहार में गेहूं को शामिल कर सकते हैं। क्योंकि गेहूं में मौजूद फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। लेकिन, गेहूं के आहार में संतुलन जरूरी है।
क्या गेहूं गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है?
गर्भवती महिलाओं के लिए आहार में गेहूं शामिल करना फायदेमंद रहेगा। क्योंकि वे बच्चे के विकास के लिए आवश्यक फोलिक एसिड, आयरन और बी विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
आहार में गेहूं शामिल करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
1. कुछ लोगों को गेहूं से एलर्जी हो सकती है। इसलिए इसे आहार में शामिल करते समय सावधानी बरतनी जरूरी है।
2. गेहूं में प्राकृतिक शर्करा होती है।
3. गेहूं के अत्यधिक सेवन से सूजन या अपच की समस्या हो सकती है, इसलिए डॉक्टर गेहूं के सेवन में संयम बरतने की सलाह देते हैं।
मिथक और तथ्य:
मिथक #1: क्या गेहूं में मौजूद ग्लूटेन संवेदनशीलता का कारण बन सकता है?
गेहूं में मौजूद ग्लूटेन प्रोटीन पेट के अंदरूनी हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। लेकिन, डॉक्टरों का कहना है कि ये चिंता की बात नहीं है.
एक और ग़लतफ़हमी: क्या गेहूं खाने से वज़न बढ़ता है?
गेहूं संतुलित आहार का हिस्सा है, इसलिए कोई कारण नहीं है कि गेहूं वजन बढ़ाता है। तो ये हैं आहार में गेहूं शामिल करने के स्वास्थ्य लाभ।
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