अहिल्यानगर में 11 किलों व गढ़ों से 31 मई तक अतिक्रमण हटाने का अभियान।
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इस उद्देश्य के लिए संबंधित विभागों ने इन अतिक्रमणों का सर्वेक्षण और डेटा संग्रह शुरू कर दिया है।
अहिल्यानगर: महाराष्ट्र में 109 किले और दुर्ग हैं जो केंद्र और राज्य सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित हैं। इनमें से 11 किले अहिल्यानगर जिले में हैं। जिला कलेक्टर सिद्धराम सलीमथ ने इन किलों व गढ़ों पर से 31 मई तक अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। इस उद्देश्य के लिए संबंधित विभागों ने इन अतिक्रमणों का सर्वेक्षण और डेटा संग्रह शुरू कर दिया है।
अहिल्यानगर शहर के पास निजाम शाह काल का 527 साल पुराना भुईकोट किला, यादव काल का हरिश्चंद्रगढ़ किला (अकोले), खारदा किला (जामखेड) जहां मराठों ने मुगलों के खिलाफ अंतिम लड़ाई जीती थी, बहादुरगढ़ किला (श्रीगोंडे) जहां संभाजी महाराज को बंदी बनाया गया था, शिवाजी महाराज द्वारा जीता गया रतनगढ़ किला, सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में कुलंग, पट्टा किला (विश्रामगढ़, अकोले) जहां शिवाजी महाराज ने विश्राम किया था, महाराष्ट्र की सबसे ऊंची चोटी के पास कलसुबाई किला, अलंग किला, पर्वतारोहण के लिए प्रसिद्ध मदन किला और कावनई किला वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारों के पुरातत्व विभाग और वन विभाग के नियंत्रण में हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य संरक्षित संरचनाएं विभिन्न विभागों के कब्जे में हैं। इसके बारे में जानकारी एकत्र करने के साथ ही वहां हुए अतिक्रमणों के बारे में भी जानकारी एकत्र करने का काम शुरू हो गया है। प्रत्येक जिले में किलों एवं गढ़ों के आसपास के अतिक्रमणों को हटाने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति की पहली बैठक अहिल्यानगर में हुई। इस बार 31 मई तक सभी अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं। इस उद्देश्य के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया गया है।
राजस्व विभाग के तहसीलदार रविन्द्र सबनीस ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के साथ ही वहां जनसहभागिता एवं एनजीओ के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा तथा पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाने का प्रयास किया जाएगा।
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