जवानों के लिए वरदान बनेगी DRDO द्वारा विकसित बुलेटप्रूफ जैकेट; 6 गोली प्रतिकारक शक्ति
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दुश्मन की 6 गोलियां खाकर भी भारतीय जवानों को नहीं होगा नुकसान; क्या आपने DRDO द्वारा बनाई गई बुलेटप्रूफ जैकेट देखी है?
भारतीय सेना की ओर से समय के साथ सेना की तकनीकों में कई बदलाव हुए हैं। अब इसमें एक और नई तकनीक जोड़ी गई है, जो काफी मददगार होगी.
1. डीआरडीओ:
दुश्मन की 6 गोलियां खाकर भी भारतीय जवानों को नहीं होगा नुकसान; क्या आपने DRDO द्वारा बनाई गई बुलेटप्रूफ जैकेट देखी है?
2. बुलेटप्रूफ जैकेट:
डीआरडीओ की ओर से हाल ही में भारतीय सेना के जवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी उनकी मदद के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की गई है।
3. जवानों की सुरक्षा:
भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित यह बुलेटप्रूफ जैकेट दुश्मन की छह गोलियां लगने के बाद भी सैनिकों की रक्षा करने की क्षमता रखती है।
4. हल्की जैकेट:
पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट का उपयोग करने वाली यह देश की सबसे हल्की जैकेट है। 6 स्नाइपर गोलियां भी इस जैक का कुछ नहीं बिगाड़ सकीं.
5. जवानों को बड़ी राहत:
मौजूदा समय में सेना में जवानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट भारी होती है, इसलिए जवानों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ये भी कहा जा रहा है कि ये नई जैकेट जवानों को बड़ी राहत दे सकती है.
6. डीआरडीओ कानपुर:
जैकेट को डीआरडीओ के कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान द्वारा विकसित किया गया है और इसका परीक्षण चंडीगढ़ में किया गया है।
7. इंतिहान:
बीआईएस 17051-2018 के अनुसार परीक्षण किया गया, यह जैकेट भारतीय सेना द्वारा जल्द से जल्द उपयोग का प्रतीक है और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इसके उपयोग का अग्रिम पंक्ति पर कितना प्रभाव पड़ता है।
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