बुलढाणा की ‘सुपरमॉम’; बेटा आईएएस बन सके इसलिए मां रिक्शा चलाती है।
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रिज़वाना शेख बुलढाणा में रहती हैं। वह अपने बेटे को आईएएस अधिकारी बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
न केवल मुंबई और पुणे जैसे मेट्रो शहरों में महिलाएं आगे हैं, बल्कि बुलढाणा जैसे शहरों में भी महिलाएं एक कदम आगे हैं। इसका उदाहरण आप बुलढाणा चिखली रोड पर देख सकते हैं। क्योंकि एक जिद्दी मां अपने बेटे को अच्छे स्कूल में भेजने और बाद में आईएएस अधिकारी बनने के लिए ऑटो रिक्शा चलाती है। उस माँ का नाम रिज़वाना शेख है। आइये जानें इस जिद्दी माँ की प्रेरक कहानी।
रिज़वाना शेख बुलढाणा में रहती हैं। वह अपने बेटे को आईएएस अधिकारी बनाने का लक्ष्य रखते हैं। रिज़वाना ने अपने परिवार की सहायता के लिए अब तक काफी काम किया है। लेकिन अब उनका लक्ष्य अपने बेटे को आईएएस अधिकारी बनाना है। इसलिए वे जानते हैं कि उसे अच्छे स्कूल में शिक्षा लेनी होगी। उन्होंने सीख लिया है कि अच्छे स्कूल में दाखिला लेने के लिए लाखों रुपए दान देने होंगे। इस महिला ने ऑटो चलाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उसके पति का वेतन पर्याप्त नहीं था।
पिछले एक साल से उनके रिक्शे के पहिए उनके बच्चों की स्कूल फीस चुका रहे हैं। ऑटो रिक्शा चलाने के अच्छे और बुरे दोनों अनुभव होते हैं। लेकिन रिज़वाना को किसी बात का डर नहीं है। वे इस व्यवसाय को दृढ़ता के साथ करते हैं, तथा स्थिति से निपटते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हमारे समुदाय और उनके पति का भरपूर समर्थन प्राप्त है।
अपने बच्चे को अच्छे स्कूल में भेजने के लिए रिज़वाना का प्रयास बहुत बड़ा है। यात्री नेहा शेलके कहती हैं कि राजमाता जिजाऊ के गृह बुलढाणा जिले में जिजाऊ की इस बेटी ने समुदाय के लिए एक आदर्श स्थापित किया है।
बड़े शहरों में तो कई उदाहरण हैं, लेकिन गर्व की बात है कि बुलढाणा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में रिजवाना शेख जैसी जिद्दी और महत्वाकांक्षी महिलाएं ऑटो रिक्शा चलाकर अपने बेटे को आईएएस अधिकारी बनाने का सपना देखती हैं और उसके लिए प्रयास भी करती हैं।
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