क्या आपने भाजपा के कारण अपना मंत्री पद खो दिया? भुजबल ने कहा, ‘सीएम फडणवीस की जिद…’
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ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता और राज्य के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को मंत्री पद से दूर रखा गया है।
वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल मंत्रिमंडल से हटाए जाने से नाखुश बताए जा रहे हैं। छगन भुजबल नागपुर अधिवेशन से निकलकर नासिक लौट आए हैं। साथ ही, यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही अपने समर्थकों से चर्चा कर कोई बड़ा फैसला लेंगे। छगन भुजबल ने आज मीडिया के सामने स्वीकार किया कि वह परेशान हैं। इसके अलावा उन्होंने एक बड़ा दावा भी किया है।
छगन भुजबल ने आज मीडिया से बातचीत की और इस बार उन्होंने पार्टी से अपनी नाराजगी का संकेत दिया। चाहे मंत्री पद को कौन अस्वीकार करे, निर्णय पार्टी के नेता ही लेते हैं। भुजबल ने कहा है कि मुद्दा मंत्री पद का नहीं है, बल्कि जिस तरह से इसकी अवहेलना की गई, उसका है। क्या भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर भाजपा की ओर से कोई विरोध था? उन्होंने इस पर भी स्पष्ट रूप से बात की है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा भुजबल को मंत्रिमंडल में मौका देने के खिलाफ है, भुजबल ने जवाब दिया, “मैंने जो सुना है, उसके अनुसार मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने पर जोर दिया था।” मैंने इसकी पुष्टि कर दी है।’ ऐसा कहा जाता है।
कैबिनेट से सस्पेंस
मंत्रिमंडल विस्तार 15 दिसंबर को हुआ था। शुरू से ही इस बात पर संशय बना हुआ था कि मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाएगा। कुछ नये चेहरों को मौका दिया गया है। इसलिए पुराने मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो नेताओं को मंत्रिमंडल में मौका नहीं दिया गया है। छगन भुजबल और दिलीप वाल्से पाटिल को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है। साथ ही कहा जा रहा है कि मंत्री धनंजय मुंडे को भी आखिरी समय में फोन आया था।
इन एनसीपी नेताओं ने ली शपथ
अजित पवार (उपमुख्यमंत्री)
अदिति तटकरे
नरहरी झिरवाळ
दत्ता भरणे
हसन मुश्रीफ
बाबासाहेब पाटिल
मकरंद पाटिल
इंद्रनील नाइक
धनंजय मुंडे
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