बीजेपी-कांग्रेस, अब्दुल्ला और महबूबा… घाटी में बड़ी-बड़ी पार्टियों की टेंशन बना यह ‘इंजीनियर’ कौन है?
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जम्मू और कश्मीर में एक नई राजनीतिक ताकत उभर रही है. इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में कई दलों की टेंशन बढ़ा सकती है.
जम्मू और कश्मीर के सियासी हलकों में एक ‘इंजीनियर’ ने टेंशन पैदा कर दी है. बीजेपी हो या कांग्रेस, या फिर पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की पार्टियां, सभी इस ‘इंजीनियर’ की ताकत को बढ़ता देख रहे हैं. इस ‘इंजीनियर’ का नाम शेख अब्दुल रशीद है. उनकी ‘अवामी इत्तेहाद पार्टी’ ने घाटी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.
कांग्रेस, अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और मुफ्ती की पीडीपी के कई असंतुष्ट नेता अब अवामी इत्तेहाद पार्टी में हैं. यह पार्टी दूसरे दलों से नाराज हुए नेताओं का नया ठिकाना बन रही है. ‘इंजीनियर’ रशीद का अलगाववादी एजेंडा घाटी में कई राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.
घाटी की नई सियासी ताकत: अवामी इत्तेहाद पार्टी
कुछ समय पहले तक, अवामी इत्तेहाद पार्टी का दबदबा हंदवाड़ा के लंगेट विधानसभा क्षेत्र तक सीमित था. लेकिन अब यह पार्टी दक्षिणी कश्मीर में भी पैठ बना रही है. पार्टी के प्रवक्ता फिरदौस बाबा के मुताबिक, पार्टी कश्मीर में 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
पीडीपी के सीनियर नेता हरबख्श सिंह ने अवामी इत्तेहाद पार्टी का दामन थाम लिया है. 2014 में वाची शोपियां से चुनाव जीतने वाले PDP नेता एजाज मीर भी अवामी इत्तेहाद पार्टी में शामिल होने का मन बना चुके हैं. PDP के प्रमुख प्रवक्ता रहे सुहैल बुखारी के भी इस्तीफे के बाद इसी पार्टी से जुड़ने की अटकलें हैं. कांग्रेस का हाथ छोड़ने वाले पूर्व विधायक शोएब लोन भी अवामी इत्तेहाद पार्टी का झंडा बुलंद कर रहे हैं. इम्तियाज पर्रे का नाम भी अवामी इत्तेहाद पार्टी से जुड़ने लगा है.
‘इंजीनियर’ रशीद कौन हैं?
शेख अब्दुल रशीद की पहचान एक अलगाववादी नेता की है. 2008 और 2014 में रशीद ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लंगेट विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. उन्हें अगस्त 2019 में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था. जेल में रहते हुए ही, रशीद ने बारामूला सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने NC नेता उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन जैसे दिग्गज नेताओं को मात दी थी. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
रशीद को ‘इंजीनियर’ इसलिए कहते हैं क्योंकि उनके पास सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा है. रशीद ने करीब एक दशक सरकारी निर्माण निगम में काम किया. अधिकतर ‘खान सूट’ में नजर आने वाले ‘इंजीनियर’ रशीद बेहद सादी जिंदगी जीते थे. अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में या किसी की बाइक पर पीछे बैठे नजर आ जाते थे.
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