अरबपति शिव नादर ने किया गजब काम, दो कंपनियों में बेटी रोशनी नादर को दी 47% हिस्सेदारी।
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एचसीएल टेक्नोलॉजी की गिनती देश की शीर्ष 5 टेक कंपनियों में होती है. यह देश की सबसे बड़ी प्रमोटर बैक्ड कंपनियों में से एक है. शिव नादर धीरे-धीरे अपना कारोबार बेटी रोशनी नादर के हाथों में सौंपते जा रहे हैं.
देश के चुनिंदा अरबपतियों में एचसीएल के चेयरमैन शिव नादर (Shiv Nadar) की गिनती होती है. वह चैरिटी के लिए भी काफी मशहूर हैं. अब अरबपति कारोबारी शिव नादर ने अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा (Roshni Nadar Malhotra) को एचसीएल कॉर्पोरेशन और वामा दिल्ली में बड़ी हिस्सेदारी गिफ्ट की है. एचसीएल टेक्नोलॉजी की गिनती देश की शीर्ष 5 टेक कंपनियों में होती है. यह देश की सबसे बड़ी प्रमोटर बैक्ड कंपनियों में से एक है. शिव नादर धीरे-धीरे अपना कारोबार बेटी रोशनी नादर के हाथों में सौंपते जा रहे हैं.
दो प्रमोटर कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी सौंपी
इसी के तहत अब शिव नादर ने बेटी को एचसीएल की दो प्रमोटर कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी सौंपी है. एचसीएल इंफोसिस्टम्स की तरफ से शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार नादर ने एचसीएल कॉर्प और ‘वामा सुंदरी इंवेस्टमेंट’ में अपनी 47% हिस्सेदारी रोशनी नादर मल्होत्रा को गिफ्ट की है. इस अपडेट के बाद शिव नादर की हिस्सेदारी इन कंपनियों में घटकर महज 4 प्रतिशत पर आ गई है. इन कंपनियों में रोशनी नादर का स्टेक बढ़कर 57.33 प्रतिशत पर पहुंच गया है.
प्राइवेट फैमिली डील के तहत दिया गया गिफ्ट
बोर्ड के डिसीजन लेने में उनकी वोटिंग पावर बढ़ गई है. दिसंबर 2024 के डाटा के अनुसार दोनों प्रमोटर ग्रुप कंपनियों की एचसीएल टेक्नोलॉजीस में हिस्सेदारी 44.34 प्रतिशत है. यह गिफ्ट एक प्राइवेट फैमिली डील के तहत दिया गया है ताकि आगे चलकर कारोबार की बागडोर संभालने में आसानी हो. पिछले साल नवंबर में सेबी की तरफ से से भी रोशनी नादर को इस तरह एचसीएल टेक की बड़ी हिस्सेदारी ट्रांसफर करने के लिए नियमों से छूट दी गई थी.
रोशनी नादर मल्होत्रा को ओपन ऑफर से छूट दी गई
आपको बता दें परिवार के करीबी संबंधों में इस तरह शेयरों का नॉन-कमर्शियल ट्रांसफर टेकओवर रेग्युलेशन के तहत होता है. इसके लिए ओपन ऑफर लाना जरूरी होता है. लेकिन रोशनी नादर मल्होत्रा को इससे छूट दी गई थी. रोशनी नादर को शेयर होल्डिंग ट्रांसफर किये जाने से कंपनी की प्रमोटर होल्डिंग में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा.
कौन हैं शिव नादर?
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार शिव नादर करीब 36 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बाद भारत के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी हैं. 1945 में तमिलनाडु के एक गांव में जन्मे नादर की परवरिश गांव में हुई. उन्होंने कोयंबटूर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद 1960 के दशक में टेक्सटाइल कंपनी डीसीएम में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में काम किया. डीसीएम में बने साथियों के साथ मिलकर उन्होंने 1976 में 20,000 डॉलर के निवेश से हिंदुस्तान कंप्यूटर्स की शुरुआत की. इसके बाद आईबीएम से निकलने के दो साल बाद माइक्रो-कंप्यूटर बेचना शुरू कर दिया. साल 2010 में एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 2.5% हिस्सेदारी बेचकर 125 मिलियन डॉलर जुटाकर नादर ने पूरी राशि शिव नादर फाउंडेशन को दान कर दी. उन्होंने अपनी संपत्ति का 10% से अधिक परोपकार के लिए अलग रखने का संकल्प लिया.
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