भारत में आम आदमी को बड़ी राहत, आपके जीवन से जुड़ी 53 दवाइयां सस्ती हो गईं; सरकार द्वारा निर्धारित कीमतें!
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सरकार ने दवाइयों के मूल्य निर्धारण के संबंध में नियम बनाए हैं।
जब आप बीमार पड़ते हैं, तो आपका डॉक्टर आपको गोलियों और दवाइयों की एक लंबी सूची देता है। दवा कंपनियां इसके लिए बहुत अधिक कीमत वसूलती हैं। इसलिए, ये दवाइयां आम जनता की पहुंच से बाहर होती हैं। लेकिन अब आम आदमी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सरकार ने इस संबंध में नियम बना दिए हैं। इससे 53 दवाओं की कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी। आइये इसके बारे में विस्तार से जानें।
सरकार ने दर्द, बुखार, संक्रमण, मल्टीविटामिन, कैल्शियम डी3, मधुमेह, हृदय और अन्य जीवनशैली संबंधी बीमारियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से आम लोगों को राहत मिली है। सरकार ने ऐसी 53 नई दवाओं की कीमतें तय कर दी हैं।
इस निर्णय से कम्पनियों को इन नई दवाओं को सहमत मूल्य से अधिक कीमत पर बेचने से रोका जा सकेगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें कहा गया है कि 53 नई दवाओं की कीमतें तय कर दी गई हैं।
एनपीपीए की अधिसूचना के अनुसार कंपनियां तय कीमत से अधिक कीमत नहीं वसूल सकेंगी। कंपनियां सिर्फ सरकार द्वारा तय 53 दवाओं की कीमतों पर ही जीएसटी लगा सकेंगी। यह स्पष्ट किया गया है कि कंपनियां ग्राहकों से दवाओं की निर्धारित कीमत तभी वसूल सकेंगी जब उन्होंने जीएसटी का भुगतान किया हो।
अधिकांश लोगों को विभिन्न जीवनशैली से संबंधित बीमारियों जैसे दर्द, बुखार, संक्रमण, मल्टीविटामिन, कैल्शियम डी3, मधुमेह, हृदय आदि के लिए दवाओं की आवश्यकता होती है। कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से सभी लोगों को राहत मिलेगी।
एनपीपीए क्या करता है?
एनपीपीए एक सरकारी नियामक संस्था है। जो भारत में दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित करता है। यह संगठन रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत आता है। प्राधिकरण का काम दवा की कीमतों पर नजर रखना और गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों पर सुधारात्मक कार्रवाई करना है। यह नियामक संस्था समय-समय पर आवश्यकतानुसार दवाओं की कीमतें निर्धारित करती है तथा दवाओं की उपलब्धता एवं उपलब्धता निर्धारित करने का काम करती है।
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