आधी रात मास्को में बड़ा तमाशा, रूस ने ब्रिटिश अफसरों को निकाला, वजह भी थी बड़ी गंभीर।
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रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने शुक्रवार को छह ब्रिटिश राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दी गई मान्यता को वापस लेने का फैसला किया गया है. रूसी सरकारी टीवी ‘एफएसबी’ ने सुरक्षा सेवा के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि उन्हें निष्कासित किया जाएगा. ‘FSB’ ने दावा किया कि उसे इस संबंध में दस्तावेज मिले हैं जो यह दर्शाते हैं कि उन्हें ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय के एक प्रभाग द्वारा भेजा गया था‘. जिनका मुख्य काम हमारे देश पर रणनीतिक रूप से पराजय थोपना था’. उन्होंने ये भी कहा कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत है कि विदेश विभाग के सभी 6 डिप्लोमेट्स‘खुफिया जानकारी जुटाने और विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त’ थे.
अमेरिका को धमकाया और ब्रिटेन को भी लपेटा
आपको बताते चलें कि बीते 48 घंटों के भीतर रूसी राष्ट्रपति पुतिन का ये दूसरा सुपरपावर पैक एक्शन है जिसमें उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ लिया है. हाल ही में पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी के साथ ‘NATO’ जैसी एक डिफेंस डील की है, जिसमें दोनों देश एक दूसरे की सुरक्षा के लिए संभावनाओं से परे जाकर साथ काम करेंगे. गौरतलब है कि नाटो में ये समझौता है कि अगर किसी भी नाटो मेंबर देश पर हमला होगा तो बाकी सारे उसकी ओर से साथ लड़ते हैं. ऐसे में अमेरिका को काउंटर करने के साथ ब्रिटेन को लताड़ लगाते हुए रूस ने ब्रिटिश एंबैसी के अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाया है.
रूस का यह कदम अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को 1.5 अरब डॉलर की सहायता भेजने के संकल्प के दो दिन बाद सामने आया है. वहीं, यूक्रेन के अधिकारियों ने पश्चिमी देशों से मिली मिसाइल का इस्तेमाल रूस के काफी अंदरूनी क्षेत्रों को निशाना बनाने में करने का संकल्प लिया है.
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