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    April 29, 2025

    ट्रंप और मस्क को बड़ा झटका, कर्मचारियों को निकालने के आदेश पर कोर्ट ने चला दिया चाबुक।

    1 min read
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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क मिलकर सरकार विभागों में कर्मचारियों की छंटनी पर लगे हुए हैं. हालांकि उनके खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों को अदालत में चुनौती दी गई है. जिसके बाद अब कोर्ट से ट्रंप को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि अदालत ने आदेश पर रोक लगा दी है.

    अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सरकार में उनके सहयोगी एलन मस्क मिलकर बड़े-बड़े फैसले ले रहे हैं. इन्हीं फैसलों में सरकारी विभागों से बड़ी तादाद में कर्मचारियों को निकालने के आदेश भी शामिल हैं. ट्रंप ने कई विभागों से कर्मचारियों के निकाले के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी फैसले एलन मस्क के डिपार्टमेंट की तरफ सुझावों के बाद लिए गए हैं. हालांकि कर्मचारियों को निकाले के हुक्म पर ही कोर्ट ने चाबुक चला दिया है.

    सैन फ्रांसिस्को के एक संघीय न्यायाधीश ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के ज़रिए हजारों नए भर्ती किए गए कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी के आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया. इस छंटनी अभियान को अरबपति कारोबारी एलन मस्क का भी समर्थन हासिल था और इसे सरकारी विभागों के आकार को छोटा करने की योजना के तहत किया जा रहा था.

    क्या बोले जज?
    डिस्ट्रिक्ट जज विलियम एल्सप ने पाया कि इन कर्मचारियों की छंटनी अवैध हो सकती है क्योंकि अमेरिका के ऑफिस ऑफ पर्सनेल मैनेजमेंट (OPM) के पास संघीय एजेंसियों को कर्मचारियों को हटाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अस्थायी रोक लगा दी. यह फैसला मजदूर यूनियन और गैर-लाभकारी संगठनों (NGOs) की तरफ से दाखिल किया गया है.

    किसने दाखिल किया मुकदमा?
    यह मुकदमा पांच मजदूर यूनियनों और पांच गैर-लाभकारी संगठनों ने दाखिल किया था, जो ट्रंप प्रशासन के ज़रिए केंद्रीय कर्मचारियों की तादाद को बड़े पैमाने पर कम करने की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि सरकारी विभागों में कर्मचारियों की तादाद जरूरत से ज्यादा है और उनमें से कई ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. इस वजह से प्रशासन ने उन कर्मचारियों की छंटनी करनी शुरू कर दी जो अभी प्रोबेशन (परख) पीरियड में थे, यानी जिन्होंने अभी एक साल पूरा नहीं किया था.

    2 लाख कर्मचारियों पर गिरेगी गाज!
    अमेरिका की संघीय एजेंसियों में कुल मिलाकर करीब 2 लाख प्रोबेशनरी कर्मचारी हैं, जिनमें से 15000 कैलिफोर्निया में कार्यरत हैं. ये कर्मचारी आग से बचाव (फायर प्रिवेंशन) से लेकर पूर्व सैनिकों (वेटरन्स) की देखभाल तक कई अहम सेवाएं देते हैं. मजदूर यूनियनों का कहना है कि OPM के पास प्रोबेशन पीरियड में काम कर रहे कर्मचारियों को हटाने का कोई हक नहीं है. वे यह भी कहते हैं कि छंटनी के पीछे यह झूठी वजह बताया गया कि ये कर्मचारी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे.

    सरकार के वकीलों ने क्या दलील दी?
    सरकार के वकीलों का कहना है कि OPM ने सीधे तौर पर किसी भी एजेंसी को कर्मचारियों को निकालने का आदेश नहीं दिया. बल्कि, उन्होंने एजेंसियों को यह निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों की समीक्षा करें और यह तय करें कि कौन से कर्मचारी अपनी नौकरी पर बने रहने के काबिल हैं. सरकार का यह भी कहना है कि प्रोबेशन पीरियड वाले कर्मचारियों की नौकरी की कोई गारंटी नहीं होती और सिर्फ उन्हीं को रखा जाना चाहिए जो उच्च प्रदर्शन करने वाले हों और सरकारी एजेंसियों के लिए जरूरी हों.

    कौन हैं जज विलियम एल्सप?
    जज विलियम एल्सप, जिन्हें डेमोक्रेट राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने नियुक्त किया था, अपनी स्पष्ट और सख्त टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं. वे पहले भी कई बड़े मामलों की सुनवाई कर चुके हैं, जिनमें अमेरिका की सबसे बड़ी बिजली कंपनी पैसिफिक गैस एंड इलेक्ट्रिक (PG&E) का मामला शामिल है. उन्होंने इस कंपनी को कैलिफोर्निया के लिए एक लगातार खतरा तक कह दिया था.

    यह मामला अब आगे कानूनी लड़ाई का रूप ले सकता है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन संघीय कर्मचारियों की तादाद में कटौती करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ना चाहता है, जबकि मजदूर यूनियन और कर्मचारी इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.

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