बीजेपी को बड़ा झटका; कॉनराड संगमा की एनपीपी ने मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
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नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
मणिपुर में करीब एक साल से हिंसा की घटनाएं जारी हैं. हिंसा की घटनाओं में कई लोगों की जान भी गई है. हालांकि, हिंसा की घटनाएं कम होती नहीं दिख रही हैं. ऐसे में मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है और हालात बिगड़ गए हैं. इसी पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कल एक जरूरी बैठक बुलाई है. इस बीच मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. मणिपुर में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और बीजेपी के बीच गठबंधन खत्म हो गया है.
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. साथ ही कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने राज्य की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए यह फैसला लिया है. इस संबंध में पार्टी प्रमुख कॉनराड संगमा ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मणिपुर में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है. साथ ही, कॉनराड संगमा ने घोषणा की है कि सरकार जिस तरह से मौजूदा स्थिति को संभाल रही है, उससे वह असंतुष्ट हैं और निर्दोष लोगों की जान जाने के कारण सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं। इस संबंध में खबर इंडियन एक्सप्रेस ने दी है.
क्या लिखा था पत्र में?
एनपीपी द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है, “हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रही है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तुरंत वापस लेने का फैसला किया है। ”
इस बीच, मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है, मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़पें हो रही हैं। अब एक बार फिर इस संघर्ष ने हिंसक रूप ले लिया है. तीन बच्चों और तीन महिलाओं की मौत के बाद से यहां विरोध प्रदर्शन जारी है.
क्या गिर जाएगी बीरेन सिंह की सरकार?
एनपीपी का भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़ना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. हालांकि, राज्य में बीजेपी की सरकार बनी रहेगी. क्योंकि मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के पास बहुमत है. इसलिए अगर एनपीपी अपना समर्थन वापस भी ले लेती है तो भी सरकार को कोई ख़तरा नहीं है. साथ ही जनता दल (यूनाइटेड) के पांच विधायक भी बीजेपी का समर्थन करते हैं. इसलिए कहा जा रहा है कि फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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