जाते जाते पुतिन को दर्द दे गए बाइडेन, आखिरकार निभा दिया यूक्रेन से किया वादा, रूस को हो गई टेंशन!
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अमेरिका में डेमोक्रेट्स की सत्ता छिन चुकी है. रिपब्लिकन ट्रंप चुनाव जीतते ही अपनी पसंद की भर्तियां कर रहे हैं. बाइडेन ने जाते जाते ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल व्हाइट हाउस का अधिकारिक हैंडओवर होना बाकी है. पुराने फैसले जल्दी-जल्दी निपटाए जा रहे हैं.
अमेरिका में डेमोक्रेट्स की सत्ता छिन चुकी है. रिपब्लिकन ट्रंप चुनाव जीतते ही अपनी पसंद की भर्तियां कर रहे हैं. बाइडेन ने जाते जाते ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल व्हाइट हाउस का अधिकारिक हैंडओवर होना बाकी है. पुराने फैसले जल्दी-जल्दी निपटाए जा रहे हैं. इसबीच अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन को अपनी उन लॉन्ग रेंज अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी, जिनका इस्तेमाल जेलेंस्की चाहकर भी नहीं कर पा रहे थे. रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अमेरिकी मिसाइलें पूरे रूस में कहीं पर भी हमला करने में सक्षम हैं. यूक्रेन अगर रूस पर वो मिसाइलें दागता है, तो रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नया मोड़ आ सकता है.
फैसला विरोधाभासी?
बाइडेन ऑफिस का कामकाज छोड़ने के लिए एकदम तैयार हैं. ट्रंप, यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का इरादा जता चुके हैं. बाइडेन की इस चलाचली की बेला में व्हाइट हाउस की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है. यह फैसला यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की द्वारा अपनी सीमा से बहुत दूर रूसी सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए अमेरिकी हथियारों का उपयोग करने की अनुमति के अनुरोध के महीनों बाद लिया गया है.
यूक्रेन अमेरिकी हथियारों का उपयोग कैसे करने की योजना बना रहा है?
रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने अगले एक दो दिन में ही लंबी दूरी के मिसाइले रूस पर दागने की योजना बनाई है. ये वो मिसाइलें हैं जिनका इस्तेमाल यूक्रेन फरवरी 2022 से लेकर नवंबर 2024 तक यानी युद्ध शुरू होने के दो साल 9 महीने बाद तक नहीं कर पाया था.
जैसे को तैसा मॉडल
लंबे समय से चल रहे युद्ध में अपने खास जिगरी रूस का समर्थन करने के लिए नॉर्थ कोरिया के हजारों सैनिक रूस में है. कुछ और जाने वाले हैं. उत्तर कोरिया के इस फैसले के जवाब में यूक्रेन मेड इन यूएन लॉन्ग रेंज मिसाइल का इस्तेमाल कर सकता है. इस घटनाक्रम ने वाशिंगटन और कीव दोनों के नेताओं को नई औक गहरी चिंता में डाल दिया है. सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि यूक्रेन द्वारा ATACMS रॉकेट का उपयोग करके पहले ये मिसाइलें रूस पर दागी जाएंगी. ये एक प्रचंड वार होगा. इस अस्त्र की मारक क्षमता 190 मील (306 किमी) तक है.
हालांकि बाइ़डेन के इस फैसले के दूरगामी नतीजों पर कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने संदेह और चिंता जताई है. उनका मानना है कि लंबी दूरी की मिसाइल हमलों की इजाजत देने से युद्ध का समग्र प्रक्षेप पथ बदल जाएगा. ये फैसला यूक्रेन को तत्काल मदद कर सकता है, लेकिन इससे अगले प्रशासन की युद्धविराम वार्ता शुरू कराने की कोशिशों पर पानी फिर जाएगा. हालांकि अभी यह कंफर्म नहीं हुआ है कि यूक्रेन को अगली अमेरिकी फंडिंग और मिलिट्री मदद के फैसले को ट्रंप, युद्ध को जल्द खत्म कराने के नाम पर पलटेंगे या नहीं.
इस बीच कुछ ट्रंप की पार्टी के कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने बाइडेन से अपील की है कि वह संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतें. ऐसा इसलिए क्योंकि रूस, स्पष्ट रूप से कह चुका है कि यूक्रेन द्वारा अमेरिकी लॉन्ग रेंज और घातक हथियारों के इस्तेमाल को नाटो के रूस पर हमले की तरह देखा जाएगा. नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले जेलेंस्की और बाइडेन दोनों को संयम बरतने की नसीहत दी जा रही है.
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