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    April 20, 2025

    BharOS: केंद्रीय मंत्रियों ने टेस्ट किया स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, IIT मद्रास ने किया है विकसित |

    1 min read
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    मोबाइल ओएस BharOS को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) के इनक्यूबेटेड फर्म द्वारा विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार (24 जनवरी) को स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) भरोस (BharOS) का परीक्षण किया। इस मोबाइल ओएस को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) के इनक्यूबेटेड फर्म द्वारा विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है।
    केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ‘भरोस’ पर कहा कि इस सफर में मुश्किलें आएंगी और दुनिया भर में ऐसे कई लोग हैं जो मुश्किलें लेकर आएंगे और नहीं चाहेंगे कि ऐसा कोई सिस्टम सफल हो। हमें बहुत सावधानी और लगातार प्रयत्न से इसे सफल बनाने की ओर काम करना है। केंद्रीय मंत्री ने भरोस को ‘भरोसा’ बताया है।

    क्या है BharOS ?
    BharOS, जिसे भरोस भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) के इनक्यूबेटेड फर्म द्वारा विकसित किया गया है। इस ओएस को लेकर भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लाभ पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। इस ओएस की खास बात यह है कि यह हाईटेक सिक्योरिटी और प्राइवेसी के साथ आता है। यानी इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स को उनकी जरूरतों के अनुरूप एप चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन मिलता है। BharOS को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है।

    साथ ही भरोस नो डिफॉल्ट एप्स (NDA) के साथ आता है। इसका अर्थ है कि यूजर्स को उन एप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, जिनसे वे परिचित नहीं है या जिन्हें वे सिक्योरिटी के लिहाज से सुरक्षित नहीं मानते हैं और उन एप पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। स्वदेशी ओएस यूजर्स को उन एप पर अधिक कंट्रोल देता है, जो उनके डिवाइस में हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यूजर्स उन एप को भी सिलेक्ट कर सकते हैं | जिनको वह अपने डिवाइस में कुछ सुविधाओं या डाटा पर पहुंच के लिए एक्सेस देना चाहते हैं। आसान शब्दों में कहें तो इस ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स का कंट्रोल ज्यादा होता है।

    कितना सुरक्षित है BharOS?
    भरोस संगठन-विशिष्ट प्राइवेट एप स्टोर सर्विस (PASS) से विश्वसनीय एप्स को ही एक्सेस देता है। दरअसल, PASS उन एप्स को ही क्यूरेटेड लिस्ट तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और ऑर्गेनाइजेशन के कुछ सुरक्षा और गोपनीयता स्टैंडर्ड को पूरा किया है। इसका मतलब है कि यूजर्स आश्वस्त हो सकते हैं | कि वे अपने डिवाइस में जो एप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं | और किसी भी संभावित सुरक्षा भेद्यता या प्राइवेसी संबंधी चिंताओं के लिए टेस्ट किए गए हैं।

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