भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि आज, मिसाइल मैन के जीवन की 10 अहम बातें.
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महान वैज्ञानिक, युवाओं के रोल मॉडल और मार्गदर्शक, भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आज 9वीं पुण्य तिथि है. इस मौके पर हम मिसाइल मैन के जीवन से जुड़ी खास बातें जानने जा रहे हैं। जिसका उनके जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा.
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन हमें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमारे पास चाहे जितने भी संसाधन हों, हम अपने सपनों को हासिल कर सकते हैं। 27 जुलाई को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (अबुल पाकिर ज़ैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम) की पुण्य तिथि मनाई जाती है। डॉ। कलाम को मिसाइल मैन, भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के जनक, जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है। कलाम साहब देश के पूर्व राष्ट्रपति, महान राष्ट्र निर्माता थे, उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मिसाइल मैन का जीवन संघर्ष से भरा है
1. डॉ। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अबुल पाकिर ज़ैनुलाबेदीन अब्दुल कलाम’ था।
2. डॉ। कलाम के पिता मछुआरों को नावें किराये पर देकर घर चलाते थे।
उनके परिवार में 5 भाई और 5 बहनें थीं। अब्दुल कलाम का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। बचपन में दो वक्त का खाना जुटा पाना बहुत मुश्किल था।
3. अब्दुल कलाम सुबह जल्दी उठते थे और 8 साल की उम्र में उन्होंने अखबार बेचकर अपना गुजारा किया। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। डॉ। आत्मनिर्भरता की ओर कलाम का पहला कदम बचपन में ही था।
4. श्वार्ट्ज स्कूल, रामनाथपुरम से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली गए। यहीं से उन्होंने 1954 में फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण कलाम ने मद्रास कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
5. अब्दुल कलाम पायलट बनना चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों से पायलट नहीं बन सके। उन्होंने भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कई प्रमुख पदों पर कार्य किया।
6. डॉ। अब्दुल कलाम ने भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ‘मिसाइल मैन’ के नाम से जाने गए।
7. डॉ. कलाम का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। डॉ। कलाम पहले राष्ट्रपति थे जो वैज्ञानिक थे। उन्होंने देश के युवाओं को सदैव प्रेरित किया।
8. डॉ। अब्दुल कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
9. डॉ। अब्दुल कलाम की प्रमुख पुस्तकें इंडिया 2020, विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड, माई जर्नी बहुत प्रेरणादायक हैं। कलाम ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि कोई व्यक्ति दृढ़ संकल्प के साथ कुछ करना चाहता है, तो वह निश्चित रूप से सफल हो सकता है।
10. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 27 जुलाई 2015 को आईआईटी गुवाहाटी में एक भाषण के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी नौवीं पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि।
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