‘खुद अपने दुश्मन बने, रात भर बाहर रहना…’, MCA ने पृथ्वी शॉ को लेकर दिया बड़ा बयान।
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मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अधिकारी ने विजय हजारे ट्रॉफी टीम से बाहर होने पृथ्वी शॉ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस बल्लेबाज को खुद का दुश्मन बताया है.
आगामी विजय हजारे ट्रॉफी सीजन के लिए मुंबई ने अपनी टीम का ऐलान किया, जिसमें स्टार बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को जगह नहीं मिली. पृथ्वी शॉ हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई की टीम का हिस्सा थे. विजय हजारे ट्रॉफी में टीम से बाहर होने के बाद शॉ ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी भड़ास निकाली थी, जिसके बाद अब MCA की तरफ से बयान आया है.
MCA का आया बयान
मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) ने विजय हजारे ट्रॉफी की टीम से बाहर किये जाने पर पृथ्वी शॉ की भड़ास को तूल नहीं देते हुए कहा कि वह लगातार अनुशासन तोड़ता रहा है और अपना दुश्मन खुद है. एमसीए के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि खराब फिटनेस, रवैये और अनुशासन मसले के कारण कई बार टीम को मैदान पर उसे छिपाने पर मजबूर होना पड़ता था. शॉ ने 16 सदस्यीय विजय हजारे ट्रॉफी टीम में जगह नहीं मिलने पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये गुस्सा निकाला था.
‘सीनियर खिलाड़ी करने लगे शिकायत’
इस अधिकारी ने कहा, ‘सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हम दस फील्डरों के साथ खेल रहे थे, क्योंकि शॉ को छिपाना पड़ता था. गेंद उसके पास से निकल जाती थी और वह पकड़ नहीं पाता था.’ उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाजी के दौरान भी उसे गेंद तक पहुंचने में दिक्कत हो रही थी. उसकी फिटनेस, अनुशासन और रवैया खराब है और अलग अलग खिलाड़ी के लिये अलग नियम नहीं हो सकते. टीम में सीनियर खिलाड़ी भी उसके रवैये की शिकायत करने लगे थे.’
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान शॉ नियमित तौर पर अभ्यास सत्रों से नदारद रहे और पूरी रात बाहर रहने के बाद सुबह छह बजे टीम होटल पहुंचते थे. अधिकारी ने कहा कि मैदान से बाहर की हरकतों के कारण अधिक चर्चा में रहने वाले शॉ अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं. इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट से उनका कुछ भला नहीं होने वाला. इससे पहले अक्टूबर में मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम से भी शॉ को इन्हीं कारणों से बाहर कर दिया गया था.
शॉ के टीम मेट और मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी इस मुद्दे पर बात की और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई की जीत के बाद साफ सलाह दी. अय्यर ने कहा, ‘उसे अपने काम के तौर-तरीके सही करने होंगे. अगर वह ऐसा करता है, तो उसके लिए आसमान ही आसमान है. हम किसी की देखभाल नहीं कर सकते. आखिरकार, यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह खुद ही चीजों को समझे.’
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