दान देते समय सावधान रहें! ‘इस’ शहर में भिखारियों को पैसे देने पर अपराध दर्ज हो जाएगा।
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इस बीच, पिछले कुछ महीनों में प्रशासन ने कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है जो लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए जिला कलेक्टर ने बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से शहर में भिखारियों को पैसे देने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा। जिला कलेक्टर आशीष सिंह पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने इंदौर में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
अभियान के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, “भीख मांगने के खिलाफ हमारा जागरूकता अभियान इस महीने के अंत तक शहर में जारी रहेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘एक जनवरी के बाद अगर कोई भी भीख मांगता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।’’
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने आगे कहा, “मैं सभी इंदौरवासियों से अपील करता हूं कि भीख मांगकर पाप के भागीदार न बनें।”
कई गिरोहों का पर्दाफाश
इस बीच, पिछले कुछ महीनों में प्रशासन ने कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है जो लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं। जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि प्रशासन ने कई भिखारियों का पुनर्वास भी किया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इंदौर सहित देश के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की है।
भिखारी ने ब्याज पर पैसे दिये।
इंदौर प्रशासन ने भिक्षावृत्ति विरोधी अभियान के दौरान कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने कहा, ‘जब हमने रिपोर्ट तैयार की तो पाया कि कुछ भिखारियों के पास पक्के मकान हैं। कुछ लोगों के बच्चे बैंकों में काम करते हैं। एक बार हमें एक भिखारी के पास 29 हजार रुपये मिले। एक अन्य भिखारी भी ब्याज पर पैसा देता पाया गया। हमने यह भी पाया कि कुछ बच्चों को भीख मांगने के लिए राजस्थान से लाया गया था। “उन्हें उस होटल से बचाया गया जहां वे ठहरे हुए थे।”
मध्य प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि इंदौर स्थित एक संगठन सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए आगे आया है। “यह संगठन भिखारियों को छह महीने तक आश्रय प्रदान करेगा और उनके लिए काम ढूंढने का प्रयास करेगा।” “हम लोगों को भीख मांगने से मुक्त कराने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहे हैं।”
अनेकों का उद्धार
इंदौर प्रशासन लगातार शहर में भिखारियों की तलाश कर उन्हें इस स्थिति से बाहर निकालने में जुटा है। सितंबर माह में खजराना मंदिर चौक से 12 भिखारियों को बचाया गया था। इस घटना से कुछ दिन पहले शहर के अन्नपूर्णा मंदिर क्षेत्र से 10 भिखारियों और 4 बच्चों को बचाया गया था। फ्री प्रेस जर्नल ने यह भी बताया कि बालाजी मंदिर से 12 भिखारियों को बचाया गया।
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